Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

विश्वभर में कितने तरह की रामायण हैं प्रचलित, जानिए एक लिस्ट

हमें फॉलो करें विश्वभर में कितने तरह की रामायण हैं प्रचलित, जानिए एक लिस्ट

अनिरुद्ध जोशी

, बुधवार, 5 अगस्त 2020 (14:18 IST)
कहते हैं हरि अनंत, हरि कथा अनंता। सर्वप्रथम श्रीराम की कथा भगवान श्री शंकर ने माता पार्वतीजी को सुनाई थी। उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म कागभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि को पूर्व जन्म में भगवान शंकर के मुख से सुनी वह रामकथा पूरी की पूरी याद थी। उन्होंने यह कथा अपने शिष्यों को सुनाई। इस प्रकार रामकथा का प्रचार-प्रसार हुआ। भगवान शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा अध्यात्म रामायण के नाम से विख्यात है।
 
 
सुनाने के बाद सबसे पहले रामकथा हनुमानजी ने लिखी थी फिर महर्षि वाल्मीकि ने। वाल्मीकि राम के ही काल के ऋषि थे। उन्होंने राम और उनके जीवन को देखा था। वे ही अच्छी तरह जानते थे कि राम क्या और कौन हैं? लेकिन जब सवाल लिखने का आया, तब नारद मुनि ने उनकी सहायता की।
रामायण के बाद राम से जुड़ी हजारों कथाएं प्रचलन में आईं और सभी में राम की कथा में थोड़े-बहुत रद्दोबदल के साथ ही कुछ रामायणों में ऐसे भी प्रसंग मिलते हैं जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में नहीं मिलता है। राम की कथा को वाल्मीकि के लिखने के बाद दक्षिण भारतीय लोगों ने अलग तरीके से लिखा। दक्षिण भारतीय लोगों के जीवन में राम का बहुत महत्व है। कर्नाटक और तमिलनाडु में राम ने अपनी सेना का गठन किया था। तमिलनाडु में ही श्रीराम ने रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।
 
रामकथा सामान्यतः बताने के लिए सुनाई जाती है। रामायणों की संख्या और पिछले 2500 या उससे भी अधिक सालों से दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में उनके प्रभाव का दायरा बहुत व्यापक है। जितनी भाषाओं में रामकथा पाई जाती है, उनकी फेहरिस्त बनाने में ही आप थक जाएंगे- अन्नामी, बाली, बांग्ला, कम्बोडियाई, चीनी, गुजराती, जावाई, कन्नड़, कश्मीरी, खोटानी, लाओसी, मलेशियाई, मराठी, ओड़िया, प्राकृत, संस्कृत, संथाली, सिंहली, तमिल, तेलुगु, थाई, तिब्बती, कावी आदि हजारों भाषाओं में उस काल में और उसके बाद कृष्ण काल, बौद्ध काल में चरित रामायण में अनुवाद के कारण कई परिवर्तन होते चले गए, लेकिन मूल कथा आज भी वैसी की वैसी ही है।
कवियों और साहित्यकारों ने रामायण को और रोचक बनाने के लिए उनकी मूलकथा के साथ तो छेड़छाड़ नहीं की लेकिन उन्होंने कथा को एक अलग रूप और रंग से सज्जित कर दिया। नृत्य-नाटिकाओं के अनुसार भी कथाएं लिखी गईं और शास्त्रीय तथा लोक परंपरा दोनों के ही अनुसार राम और रावण की कथा को श्रृंगारिक बनाया गया। इस तरह रामायणों की संख्या और भी बढ़ जाती है। सदियों के सफर के दौरान इनमें से कुछ तो बदलाव हुआ ही होगा। लेकिन सदियों के इस सफर के कारण ही लोग इसे महज काव्य मानने की भूल और पाप करते हैं। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों और संस्कृतियों में राम और रावण के युद्ध को अलग संदर्भों में लिया गया। दक्षिण भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया, माली आदि द्वीप राष्ट्रों में रावण की बहुत ख्याति और सम्मान था इसलिए उक्त देशों में रामकथा को अलग तरीके से लिखा गया।

 
हनुमन्नाटक : इसके अलावा एक कथा और प्रचलित है। कहते हैं कि सर्वप्रथम रामकथा हनुमानजी ने लिखी थी और वह भी शिला पर। यह रामकथा वाल्मीकिजी की रामायण से भी पहले लिखी गई थी और 'हनुमन्नाटक' के नाम से प्रसिद्ध है।
 
अद्भुत रामायण : अद्भुत रामायण संस्कृत भाषा में रचित 27 सर्गों का काव्य-विशेष है। कहा जाता है कि इस ग्रंथ के प्रणेता भी वाल्मीकि थे। किंतु शोधकर्ताओं के अनुसार इसकी भाषा और रचना से लगता है कि किसी बहुत परवर्ती कवि ने इसका प्रणयन किया है अर्थात अब यह वाल्मीकि कृत नहीं रही।
 
1. अध्यात्म रामायण
2. वाल्मीकि की 'रामायण' (संस्कृत)3. आनंद रामायण
4. 'अद्भुत रामायण'
5. रंगनाथ रामायण (तेलुगु)
6. कवयित्री मोल्डा रचित मोल्डा रामायण (तेलुगु)
7. रूइपादकातेणपदी रामायण (उड़िया)
8. रामकेर (कंबोडिया)
9. तुलसीदास की 'रामचरित मानस' (अव‍धी)
10. कम्बन की 'इरामावतारम' (तमिल)11. कुमार दास की 'जानकी हरण' (संस्कृत)
12. मलेराज कथाव (सिंहली)
13. किंरस-पुंस-पा की 'काव्यदर्श' (तिब्बती)
14. रामायण काकावीन (इंडोनेशियाई कावी)
15. हिकायत सेरीराम (मलेशियाई भाषा)
16. रामवत्थु (बर्मा)
17. रामकेर्ति-रिआमकेर (कंपूचिया खमेर)
18. तैरानो यसुयोरी की 'होबुत्सुशू' (जापानी)19. फ्रलक-फ्रलाम-रामजातक (लाओस)
20. भानुभक्त कृत रामायण (नेपाल)
21. अद्भुत रामायण
22. रामकियेन (थाईलैंड)
23. खोतानी रामायण (तुर्किस्तान)
24. जीवक जातक (मंगोलियाई भाषा)
25. मसीही रामायण (फारसी)
26. शेख साद (या सादी???) मसीह की 'दास्ताने राम व सीता'।27. महालादिया लाबन (मारनव भाषा, फिलीपींस)
28. दशरथ कथानम (चीन)
29. खोज जारी है

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जन्माष्टमी पर करें श्री कृष्ण अष्टकम् का पाठ, मिलेगा शुभाशीष