Islam religion इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नौवां महीना रमजान का होता है। 2 या 3 अप्रैल से रमजान का पाक महीना शुरू हो रहा है। कोरोना की पाबंदिया हटने के बाद इस बार रमजान (Ramadan 2022) माह में रोजे के समय बाजारों में रौनक दिखाई दे सकती है। इस पवित्र महीने में मुसलमान लोग रोजा रखते हैं तथा 30 दिनों बाद चांद देखकर ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाते हैं।
रमजान का पवित्र महीना रहमत और बरकत से भरा माना जाता है, जो मोमिनों को अल्लाह से प्यार और लगन जाहिर करने के साथ खुद को खुदा की राह की कसौटी पर कसने का मौका देता है। हर बंदे के लिए रमजान का महीना अल्लाह की नेमत है। इस माह हर मिनट बहुत कीमती माना जाता है। इस पूरे माह में इस्लाम धर्म के लोग रोजा रखकर और बुरे कामों से तौबा कर हर अच्छे से अच्छे कार्य करने के साथ रोजे रखते हैं तथा असहायों की मदद करते है।
इस्लाम धर्म में 'रमजान' रहमत बरकत और मगफिरत का महीना है। माना जाता है कि अल्लाह ने मुसलमानों पर रोजे इसलिए फर्ज फरमाए हैं जिससे अपने अंदर तकवा परहेजगारी पैदा कर सके। इन दिनों में यदि कोई व्यक्ति भूखा या प्यासा रहता है तथा बुरे कामों को नहीं छोड़ता है, तो उसका रोजा सिर्फ फांके के सिवा कुछ नहीं है, ऐसा समझा जाता है। अल्लाह भी ऐसे लोगों के रोजे पसंद नहीं करते हैं, जो अपने बुरे काम न छोड़े। रमजान में अल्लाह हर इंसान को मौका देता है कि वह अपने बुरे कामों से तौबा करे और अच्छे काम करने का दृढ़ संकल्प करें। रमजान में हर नेक और बुरे काम का बदला सत्तर गुना अधिक होता है।
रमजान माह को पूरे 3 अशरों में बांटा गया है। रमजान के पहले 10 दिनों को पहला अशरा, दूसरे 10 दिनों को दूसरा अशरा और आखिरी 10 दिनों को तीसरा अशरा का जाता है। यानी पहले रोजे से 10वें रोजे तक पहला अशरा, 11वें रोजे से 20वें रोजे तक दूसरा अशरा और 21 वें रोजे से 30वें रोजे तक तीसरा अशरा। अत: रमजान का महीना सबसे खास माना गया है।