Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

5 पवित्र चीजों से घर में ही बनाएं वैदिक राखी, जानें कैसे बनती है?

हमें फॉलो करें 5 पवित्र चीजों से घर में ही बनाएं वैदिक राखी, जानें कैसे बनती है?
Vaidik Rakhi 2021
 
 
 
इस बार 22 अगस्त 2021, रविवार को राखी का पर्व मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का पर्व वैदिक विधि से मनाना श्रेष्ठ माना गया है। इस विधि से वैदिक राखी बनाने और भाई की कलाई पर बांधने सेभाई का जीवन सुखमय और शुभ बनता है। 
 
शास्त्रानुसार इसके लिए पांच वस्तुओं का विशेष महत्व होता है, जिनसे रक्षासूत्र का निर्माण किया जाता है। इनमें दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चंदन और सरसों के दाने शामिल हैं। इन 5 वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावे में पिरो दें। इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी।
 
पांच वस्तुओं का मह‍त्व-
 
दूर्वा (घास)- जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेजी से फैलता है और हजारों की संख्या में उग जाता है। उसी प्रकार रक्षाबंधन पर भी कामना की जाती है कि भाई का वंश और उसमें सदगुणों का विकास तेजी से हो। सदाचार, मन की पवित्रता तीव्रता से बढ़ती जाए। दूर्वा विघ्नहर्ता गणेश जी को प्रिय है अर्थात् हम जिसे राखी बांध रहे हैं, उनके जीवन में विघ्नों का नाश हो जाए।
 
अक्षत (चावल)- हमारी परस्पर एक दूजे के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे।
 
केसर- केसर की प्रकृति तेज होती है अर्थात् हम जिसे राखी बांध रहे हैं, वह तेजस्वी हो। उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो।
 
चंदन- चंदन की प्रकृति शीतल होती है और यह सुगंध देता है। उसी प्रकार उनके जीवन में शीतलता बनी रहे, कभी मानसिक तनाव ना हो। साथ ही उनके जीवन में परोपकार, सदाचार और संयम की सुगंध फैलती रहे।
 
सरसों के दाने- सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात् इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें। सरसों के दाने भाई की नजर उतारने और बुरी नजर से भाई को बचाने के लिए भी प्रयोग में लाए जाते हैं।
 
कैसे बांधें यह राखी- इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम भगवान के चित्र पर अर्पित करें। फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधें। इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं, वह पुत्र-पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्षभर सुखी रहते हैं।
 
राखी बांधने का मंत्र-राखी को सर्वप्रथम भगवान के चित्र पर अर्पित करें। फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधें।

राखी बांधते समय बहन अवश्य बोलें यह मंत्र-
 
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल।।
 
शिष्य गुरु को रक्षासूत्र बांधते समय यह मंत्र बोलें
‘अभिबद्धनामि‘ के स्थान पर ‘रक्षबद्धनामि कहे।
 
रक्षासूत्र बांधते समय मिठाई या गुड़ से मुंह मीठा कराना ही उत्तम रहता है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्रावण पूर्णिमा, रक्षा बंधन और जैन धर्म का क्या है कनेक्शन, जानिए