राखी बांधने का पवित्र मंत्र
क्या करें राखी के दिन भाई और बहन
रक्षाबंधन का शुभ पर्व इस वर्ष 26 अगस्त को हैं। आइए जानें इसे मनाने की पौराणिक और सरल विधि
- प्रातः उठकर स्नान-ध्यान करके उज्ज्वल तथा शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- घर को साफ करके, चावल के आटे का चौक पूरकर मिट्टी के छोटे से घड़े की स्थापना करें।
- चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एक साथ मिलाएं। फिर पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं। उसमें मिठाई रखें।
- इसके बाद भाई को पीढ़े पर बिठाएं (पीढ़ा यदि आम की लकड़ी का हो तो सर्वश्रेष्ठ माना जाता है)।
- भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
- इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधें।
- शास्त्रों के अनुसार रक्षा सूत्र बांधे जाते समय निम्न मंत्र का जाप करने से अधिक फल मिलता है।
मंत्र इस प्रकार है-
"येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः"
- रक्षा सूत्र (राखी) बांधने के बाद आरती उतारें फिर भाई को मिठाई खिलाएं। बहन यदि बड़ी हों तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और यदि छोटी हों तो बड़े भाई को प्रणाम कर आशीर्वाद ग्रहण करें।
आजकल लोग सोफे व कुर्सी में बैठकर राखी बंधवा लेते हैं। यह उचित नहीं है, राखी बंधवाते समय पीढ़े पर ही बैठें। इससे शुद्धिकरण होता है और अच्छा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति चुंबकीय रेखाओं से मुक्त हो जाता है। पीढ़े पर सिर्फ भाई को नहीं, बल्कि बहन को भी बैठना चाहिए। यह विधि सर्वोत्तम है।