पवित्र धागों के इस त्योहार में बदलते समय के साथ-साथ कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसमें एक है राखी के डिजाइन। समय के साथ-साथ राखी का बदलता स्वरूप बाजारों में अलग-अलग रूप-रंगों में उपलब्ध है।
फूल की राखी :- उत्तर और पश्चिम भारत में मिलने वाली इस राखी पर सिल्क और प्लास्टिक के फूल बने होते हैं। कई बार इस राखी पर असली फूल भी लगे होते हैं।
स्टोन राखी :- प्रिशियस और सेमी प्रिशियस स्टोन लगी राखियाँ बाजार में उपलब्ध है। इस राखी के दाम स्टोन के दाम के आधार पर होते हैं। राखी के स्टोन के मुताबिक ही उनके रंग और आकार भी होते हैं। यह राखियाँ भी उत्तर और पश्चिम भारत के लोगों द्वारा पसंद की जाती हैं।
चंदन राखी :- चंदन की लकड़ियाँ भारत के धार्मिक कार्य में विशेष महत्व रखती हैं। बीते समय में राजा-महाराजा इससे बनी राखी बंधवाना अपनी शान समझते थे। इस समय शायद ही यह राखियाँ बाजार में उपलब्ध हों या फिर किसी की कलाई में नजर आती हों।
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मेटल राखी :- बीते दौर में लकड़ी और मेटल का इस्तेमाल आम तौर से राखियों की सजावट में किया जाता था। इसका कारण यह था कि किसी और तरह के सजावट के समान उस समय कम हुआ करते थे। मेटल की राखी राजा की कलाइयों की शोभा बढ़ाया करती थी। आज भी चाँदी और सोने की राखियाँ आकर्षक डिजाइनों में उपलब्ध हैं।
लुंबा राखी :- लुंबा राखी ननद द्वारा अपनी भाभी की कलाई में बाँधी जाती है। यह ननद और भाभी के प्यार को दर्शाती है। लुंबा को बाँधने का प्रचलन राजस्थान से शुरू हुआ है। इस राखी को अब देश के बाकी हिस्से के लोग भी अपना रहे हैं।
वर्चुअल राखी :- इस राखी की माँग सबसे अधिक है। आज के दौर में शायद ही कोई क्षेत्र है जहाँ पर आईटी इंडस्ट्री का प्रभाव नहीं दिख रहा हो। तो भला त्योहार इससे अछूते कैसे रहें। वर्चुअल राखी आज सभी ऑन लाइन स्टोर का हिस्सा हैं। जहाँ पर आप राखी के साथ अपनी मनपंसद गिफ्ट भी अपने भाई-बहनों को भेज सकते हैं।