करियर और शादी वगैरह के चलते आज भाई-बहन एक-दूसरे से काफी दूर हो गए हैं। राखी त्योहार है भाई-बहन को विशेष रूप से याद करने का। क्या सोचते हैं दूरस्थ देशों में भाई-बहन और कैसे याद करते हैं एक-दूसरे को।
1. बिमला चाँद : बचपन में अपने भाइयों के साथ लड़ती-झगड़ती रहती थी तथा उनकी सबसे प्यारी बहन थी। परंतु आज मैं ऑस्ट्रेलिया में कई सालों से निवास कर रही हूँ। राखी आने पर राखी मेल के द्वारा भाइयों तक भेजती हूँ तथा पत्र लिखती हूँ। उन दिनों को याद करती हूँ तो इच्छा होती है अपने भाइयों के पास फिर से लौट जाऊँ।
2. सिद्धार्थ : मैं डॉक्टरेट की प्रैक्टिस कर रहा हूँ। मेरी बहन शिकागो में है और मुझे उससे मिले कई साल हो गए। पर हर साल मैं उसे राखी पर उपहार भेजता हूँ। वो नन्ही सी नटखट सी चुलबुली बहन के साथ बिताए पल आज भी याद आते हैं। जब भी मैं उसके कान खींचता, जाकर पापा से मेरी शिकायत करती और मुझे बहुत डाँट पड़ती। मुझसे छोटी थी इसलिए मम्मी भी उसी का पक्ष लेती थीं।
3. सुप्रिया : 5-6 साल हो गए मैं अपने भाई से नहीं मिली। घर के पड़ोस में रहते थे मैंने उन्हें राखी बाँधी थी क्योंकि उनकी कोई बहन नहीं था और मैं भी माँ-बाप की इकलौती संतान थी। लेकिन हमारा प्यार सगे भाई-बहनों की तरह है। फ्लोरिडा में मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हूँ जबकि मेरे भाई कोलकाता में रहते हैं। फोन पर बातचीत करती रहती हूँ। ई-मेल के जरिए भी संदेश का आदान-प्रदान हो जाता है। राखी पर जब भी हम साथ मिलते हैं तो यह खुशी कई गुना बढ़ जाती है।
4. सुष्मिता : जब मेरा भाई मेरे पास रहता था तब मुझे कभी अहसास भी नहीं होता था कि भाई से दूर होने का क्या मतलब होता है। परंतु आज जब वह मीलों दूर अन्य शहर में रह रहा है। इस दिन मुझे उसकी बहुत याद आती है। उसकी अनुपस्थिति से मुझे उसके प्यार का महत्व तथा रिश्ते की अहमियत का अहसास होता है।
5. प्रतीक : जीवन की व्यस्तता तथा भागदौड़ भरी जिंदगी ने हमें अपनों से दूर कर दिया है। बहन बीमार है परंतु उसके पास नहीं हूँ। इसका दु:ख है। वह हरेक वर्ष राखी पर मुझे अपने हाथ से बनी मिठाई भेजती थी। लेकिन इस बार मैं खुद ही उसके लिए उपहार और छुट्टियाँ लेकर उसके पास जा रहा हूँ। फोन पर बात हुई तो कह रही थी कि आपके घर आते ही उठकर दौड़ने लग जाऊँगी।