यूं तो मुकुल चौधरी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ झालरापाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का बहुत पहले ही ऐलान कर चुकी हैं, लेकिन अब खबर है कि कांग्रेस उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकती है। मुकुल के पति 2009 बैच के IPS अधिकारी हैं और उनके वर्तमान सरकार से रिश्ते ठीक नहीं बताए जा रहे हैं।
हालांकि मुकुल चौधरी वर्तमान में किसी भी पार्टी की सदस्य नहीं हैं, लेकिन उनका हाल ही में सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर जाना इन अटकलों को हवा दे रहा है कि वे झालरापाटन से कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती है। खास बात यह है कि इस बार कांग्रेस राज्य में सत्ता में वापसी कर सकती है। सोनिया से मुलाकात के सवाल पर मुकुल ने मीडिया से चर्चा में बताया था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में युवाओं और महिलाओं को टिकट देने की बात की थी। इसी वजह से मैंने कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात करने का फैसला किया।
मुकुल ने कहा कि मैं वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हूं। झालरापाटन सीट से वसुंधरा 2003 से लगातार जीतती आ रही हैं। चौथी बार भी वे यहीं से चुनाव लड़ने जा रही हैं।
कौन हैं मुकल चौधरी : मुकुल के मुताबिक उनका जन्म झालरापाटन में हुआ था, जब उनके पिता को पहली पोस्टिंग मिली थी। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि भी रही है। उनकी मां शशि दत्ता 1993 में भैरोंसिंह शेखावत सरकार में कानून मंत्री रह चुकी हैं। मुकुल चौधरी ने कहा मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा पिछले 15 सालों से झालरापाटन का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, लेकिन वहां न तो अच्छी सड़कें हैं और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं।
फेसबुक पर मुकल ने लिखा कि आज समाज में हो रही विद्रूपताओं और अराजकता को देख मन बहुत दुखी है। तानाशाही और भ्रष्टाचार चरम पर है। मेरी बहनें, मेरे भाई और मेरे पितातुल्य वृद्धजन सभी परेशान है।
मुकुल के पति पंकज चौधरी वर्तमान में स्टेट क्राइम ब्यूरो में एसपी पद पर कार्यरत हैं। 2014 में जब वह राज्य के बूंदी जिले में एसपी थे, तब भाजपा सरकार के साथ उनके रिश्तों में खटास आई थी। एक बार उन्होंने अपने सीनियर्स के आदेश के बावजूद दंगे की स्थिति से रोकने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के 11 कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत से छोड़ने से मना कर दिया था।
दुर्व्यवहार के आरोप में उनके खिलाफ 7 चार्जशीट फाइल हो चुकी हैं। पंकज दलित समुदाय से आते हैं। वह अपने खिलाफ हुई सरकारी कार्रवाई के खिलाफ एससी-एसटी आयोग भी जा चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी वे सरकार और अपने सीनियर्स पर निशाना साध चुके हैं। कांग्रेस सरकार में उनके रिश्ते अच्छे नहीं थे।