नई दिल्ली। तेलंगाना और राजस्थान में सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए हाई वोल्टेज प्रचार अभियान बुधवार शाम थम गया। दोनों राज्यों की मतगणना 11 दिसंबर को तीन अन्य राज्यों- छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मिजोरम में हुए विधानसभा चुनावों के साथ होगी।
छत्तसीगढ़ में 12 और 20 नवंबर को मतदान कराया गया जबकि मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को वोट डाले गए।
तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा। राज्य में माओवादी प्रभावित 13 निर्वाचन क्षेत्रों में शाम चार बजे और राज्य के शेष 106 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव अभियान शाम पांच बजे थम गया।
राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ में बसपा प्रत्याशी की म़ृत्यु के कारण यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया है लिहाजा कुल 200 में से 199 सीटों पर ही चुनाव हो रहे है। कांग्रेस ने 195 तथा भाजपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के अलावा कई छोटे दलों तथा निर्दलीय सहित 2274 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।
तेलंगाना में राजनीतिक पार्टियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए आज अंतिम दिन कई रैलियों का आयोजन किया। विधानसभा के छह सितंबर को भंग होने के तुरंत बाद मतदाताओं को लुभाने के लिए आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया था।
टीआरएस सत्ता में बने रहने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। पार्टी सुप्रीमो एवं कार्यकारी मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव चुनाव मैदान में उतरे हैं और उन्होंने राज्य भर में सार्वजनिक सभाएं संबोधित कर जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। (वार्ता)