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राजस्थान में पर्व त्योहार के बहाने चुनाव प्रचार, मतदाताओं को रिझाने में लगे राजनीतिक दल

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, शुक्रवार, 5 अक्टूबर 2018 (17:26 IST)
नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है लेकिन राजनीतिक दलों ने पर्व-त्योहार पर लोगों को 'बधाइयां, शुभकामनाएं और दुआ' देने के बहाने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
 
 
हरियाणा की सीमा समाप्त होते ही राजस्थान के अलवर जिले में प्रवेश करते ही सड़कों के किनारे बड़े-बड़े होर्डिंग, पोस्टर और दीवार लेखन किए गए हैं। इसके माध्यम से विभिन्न राजनीतिक दल लोगों को दीपावली और दशहरे की बधाई एवं शुभकामनाएं दे रहे हैं। इन पर राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह को प्रमुखता से उभारा गया है ताकि लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित हो सके।
 
सबसे अधिक प्रचार राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की ओर से किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बड़े-बड़े चित्र लगाए गए हैं। इसके अलावा भाजपा के कई स्थानीय नेताओं और संभावित उम्मीदवारों ने भी अपने-अपने होर्डिंग लगाए हैं जिन पर उनके चित्र लगे हैं और पार्टी के चुनाव चिन्ह को दर्शाया गया है। 
 
भाजपा के कुछ नेताओं की ओर से सड़क किनारे के मकानों पर दीवार लेखन भी कराया गया है। कांग्रेस की ओर से भी होर्डिंग लगाए गए हैं जिन पर स्थानीय नेताओं के चित्र लगे हैं और पार्टी के चुनाव चिन्ह को प्रदर्शित किया गया है।
 
इसी प्रकार से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेताओं की ओर से भी पोस्टर और प्रचार के दूसरे साधनों का इस्तेमाल किया गया है। बसपा प्रमुख मायावती ने हाल में राजस्थान में कांग्रेस से तालमेल किए बिना अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजस्थान का कई बार दौरा कर चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी इसमें पीछे नहीं हैं। भाजपा ने राज्य में जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर हाल में पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। समझा जाता है कि केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार थे लेकिन सिंधिया उनके पक्ष में नहीं थीं। शेखावत आजकल पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे हैं।
 
भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस के नेता भी नियमित दौरा कर पार्टी के पक्ष में हवा बनाने के प्रयास में लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सभी नेताओं को एकजुट कर सत्ता विरोधी लहर को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के खिलाफ कुछ अन्य राजनीतिक दल भी धीमी गति से अपने लोगों को गोलबंद करने में जुटे हैं।
 
हाल में अलवर जिले के किशनगढ़बास में विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान का शिलान्यास करने गए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से उनके आयोजन का कोई लेना-देना नहीं है। मेवात क्षेत्र शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है और एक ही स्थान पर प्राथमिक से उच्च्स्तरीय शिक्षा के लिए इस संस्थान की स्थापना की जा रही है। इस संस्थान की स्थापना 1,000 करोड़ रुपए की लागत से की जा रही है जिसमें 40 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित हैं।
 
नकवी ने कहा कि उनकी पार्टी वोट के लिए कोई सौदा नहीं कर रही है। लोगों को यह तय करना है कि वे विकास के लिए समर्पित सरकार चाहते हैं या नहीं? भाजपा का लक्ष्य विकास से देश को जोड़कर उसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। (भाषा)

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