Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राजस्थान में भाजपा की जीत के 10 कारण

राजस्थान में एक बार फिर भाजपा की वापसी

हमें फॉलो करें राजस्थान में भाजपा की जीत के 10 कारण
FILE
राजस्थान की 200 में से 199 सीटों के लिए मतगणना रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई और भाजपा ने बढ़त लेते हुए एक बार फिर सत्ता में वापसी की। इस बार राजस्थान में महंगाई के साथ ही महिला सुरक्षा का मुद्दा जहां प्रमुख रूप से भाजपा की जीत का कारण बना वहीं वसुंधरा राजे सिंधिया का जादू भी चला।

क्या वसुंधरा राजे का जादू चला...


* भाजपा की जीत की प्रमुख शिल्पकार वसुंधरा को कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सुराज संकल्प यात्रा के माध्यम से वे गांव और शहर के लोगों के बीच तक पहुंचीं और वहां वे लोगों से रूबरू हुईं।

चुनाव के दौरान उन्होंने काफी सभाएं और रैलियां भी कीं। दूसरी ओर जब कांग्रेस ने अपना चुनाव प्रचार शुरू किया, वे अपना चुनाव प्रचार (सुराज संकल्प यात्रा) पूरा कर चुकी थीं। संगठन में भी वे पार्टी का एकमात्र और सर्वमान्य नेता के रूप में उभरीं। टिकट वितरण में भी उनकी पसंद-नापसंद का ध्यान रखा गया। उनके कद के बराबर कोई भी अन्य नेता दिखाई नहीं दिया जिसके कारण पूरे चुनाव में उनकी ही चली।

सत्ता विरोधी लहर का लाभ...


* भाजपा को राज्य में सत्ता विरोधी लहर का पूरा फायदा मिला। राज्य का इतिहास भी यही कहता है कि यहां का मतदाता किसी को बार-बार मौका नहीं देता। केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दे चुनाव में जमकर चले। चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री परसराम मदेरणा, बाबूलाल नागर और अन्य कांग्रेस नेताओं पर लगे आरोपों ने भी भाजपा को फायदा पहुंचाया।

नरेन्द्र मोदी का फैक्टर...



* वसुंधरा के चेहरे के साथ सबसे बड़ा फैक्टर राजस्थान के चुनाव में रहा, वह है मोदी फैक्टर। यहां मोदी की सभा में उमड़ी भीड़ ने लोगों का मानस बदला और मोदी ने जिस तरह से मुद्दों को उठाया वह लोगों का काफी पसंद आया। मतदान वाले दिन भी मोदी का काफी असर देखा गया। मतदान समाप्ति के बाद जगह-जगह मोदी के समर्थन में नारे लगे।

पार्टी की एकजुटता काम आई...


* इस चुनाव के दौरान भगवा पार्टी में पूरी तरह एकजुटता दिखाई दी। इसका फायदा चुनाव परिणाम के दिन भी देखने को ‍भी मिला। हालांकि कहीं-कहीं बागियों ने मुश्किल बढ़ाई, लेकिन उचित समन्वय की वजह से इस मुश्किल से समय पर निजात पा ली गई।



* हर चुनाव की तरह इस बार भी पार्टी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का समर्थन मिला और आखिरी वक्त में संघ के स्वयंसेवकों ने पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार किया। संघ कार्यकर्ताओं ने लोगों को पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया।


* राजस्थान में इस बार भाजपा को पूर्व राजपरिवारों का भी अच्छा सहयोग मिला। पार्टी ने बीकानेर राजपरिवार की सिद्धि कुमारी, जयपुर राजघराने की दीया कुमारी और करौली से रोहिणी कुमारी को मैदान में उतारा था। निश्चित ही अपने-अपने क्षेत्र में पूर्व राजपरिवारों का अच्छा प्रभाव है जिसका फायदा भगवा पार्टी को मिला।


* अधिक मतदान ने भी भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई। परिवर्तन की लहर पर सवार होकर मतदाताओं ने भाजपा को फिर मौका दिया। वैसे भी आमतौर पर माना जाता है कि अधिक मतदान का फायदा विपक्षी पार्टी को ही मिलता है।

* भाजपा ने गुजरात के विकास मॉडल को सामने रखकर राज्य की जनता को विकास के सपने दिखाए। निश्चित ही लोगों पर इसका सकारात्मक असर पड़ा और उन्होंने भाजपा के पक्ष में वोट डाले। साथ ही कांग्रेस सरकार की खामियों को भी भाजपा नेताओं ने आक्रामकता से उजागर किया।

* इस बार महंगाई के मुद्दे ने भाजपा के पक्ष में जमकर काम किया। रसोई गैस से लेकर पेट्रोल, डीजल और अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री के बढ़े भाव से जनता काफी नाराज थी। ...और मतदान बूथ पर उसने अपने गुस्से का खुलकर इजहार किया।

* इस बार भाजपा राज्य के जातीय समीकरणों को भी अपने पक्ष में करने में सफल रही। एक तरफ मीणा वोट किरोड़ीलाल मीणा की पार्टी राजपा के साथ हो गए, दूसरी ओर जाट कम्युनिटी को भाजपा ने अच्छे से साध लिया जिसका उसे पूरा-पूरा फायदा मिला।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi