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गहलोत की गारंटी या मोदी फैक्टर, जानिए क्या है अजमेर जिले के मतदाता का रुख

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, गुरुवार, 16 नवंबर 2023 (18:19 IST)
7 Guarantee of Gehlot in Rajasthan: ब्रह्मा की नगरी पुष्कर और ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए विख्यात अजमेर में इन दिनों विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections 2023) को लेकर सियासी सरगर्मी उफान पर है। दो प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के अपने-अपने दावे हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और हिंदुत्व के सहारे भाजपा अपना यह मजबूत किला महफूज रख पाएगी या फिर अशोक गहलोत सरकार की योजनाएं तथा कांग्रेस की '7 गारंटी' तस्वीर को बदल देंगी।
 
पिछले करीब दो दशक से आमतौर पर अजमेर का जनमत भाजपा के साथ रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में अपनी सत्ता गंवाने के बावजूद भाजपा अजमेर जिले की 8 में से 6 सीटें जीतने में सफल रही थी।
 
परंपरागत रूप से भाजपा के समर्थक माने जाने वाले वर्गों में 'हिंदुत्व' के मुद्दे के अहम होने, प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और हर 5 साल में सरकार बदलने की रवायत इस बार भी भाजपा की राजनीतिक जमीन को खासी मजबूती दे रही है। यह जरूर है कि अजमेर उत्तर और कुछ अन्य सीटों पर बागियों का चुनाव मैदान में होना उसके लिए एक चुनौती है।
 
कांग्रेस इस बार अपना पूरा प्रचार अभियान चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, 500 रुपए का सिलेंडर तथा कुछ अन्य योजनाओं और 7 चुनावी गारंटी पर केंद्रित किए हुए है। वह इनके जरिए भाजपा के इस किले को भेदने की कोशिश में है। हालांकि स्थानीय स्तर की गुटबाजी उसके लिए परेशानी का सबब है। अजमेर में दोनों प्रमुख दलों के समर्थक मतदाता खुलकर अपनी राय जाहिर करते हैं।
 
जारी रहेगा सरकार बदलने का सिलसिला : अजमेर शहर के एक स्थानीय व्यवसायी विनोद कुमार जैन का कहना है कि अजमेर, खासकर शहरी क्षेत्र का मतदाता इस बार भी बड़े स्तर पर भाजपा के साथ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी राय में अजमेर शहर में नतीजा इस बार भी पिछली बार की तरह ही होगा... हर 5 साल में सरकार बदलने का सिलसिला बना रहेगा।
 
अजमेर के एक होटल में बतौर उपप्रबंधक कार्यरत तथा मसूदा विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले 24 वर्षीय राहुल मेघवाल का मानना है कि शहरी क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति मजबूत है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस को खारिज नहीं किया जा सकता और इसकी सबसे बड़ी वजह 'चिरंजीवी' योजना, 500 रुपए का गैस सिलेंडर तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा घोषित 7 'गारंटी' है।
 
उनका कहना था कि मुझे लगता है की गहलोत की 7 गारंटी और अन्य योजनाओं के बारे में जिस तरह से व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है, वह नतीजों को तय करने में निर्णायक साबित होगा। मेघवाल का यह भी कहना था कि राजस्थान में अजमेर उन कुछ स्थानों में से एक है जहां हिंदुत्व का मुद्दा भी असर करता है। कोई भले ही खुलकर न स्वीकार करे, लेकिन शहरी क्षेत्र की सीटों पर हिंदू-मुसलमान का मुद्दा भी कहीं ना कहीं हावी रहता है।
 
हो सकता है उलटफेर : अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता और पेशे से टैक्सी चालक मोहम्मद रईस का दावा है कि इस बार अजमेर में उलटफेर हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया है कि सरकार की योजनाओं से लोगों को लाभ हुआ है। मैं कई ऐसे लोगों को जानता हूं जिन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना से बहुत फायदा हुआ है। 500 रुपए का सिलेंडर गरीब परिवारों के लिए राहत लेकर आया है। ऐसे में मुझे लगता है कि इस बार अजमेर में नतीजे अलग होंगे।
 
स्थानीय पत्रकार शौकत अहमद का कहना था कि अजमेर में भाजपा के लिए सबसे बड़ी मजबूती 'मोदी फैक्टर' है। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का निश्चित तौर पर भाजपा को लाभ मिल रहा है। हिंदुत्व के मुद्दे से उसकी ताकत और भी बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नजरिये से यह महत्वपूर्ण है कि कि वह सिर्फ आम जनता के मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए है। अगर सरकार की योजनाओं का असर यहां के मतदाताओं पर हुआ है तो अजमेर में लड़ाई दिलचस्प हो सकती है।
 
भाजपा जुमलेबाज पार्टी : अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन का कहना था कि इस बार भाजपा 'हिंदुत्व' के नाम पर लोगों को गुमराह नहीं कर पाएगी और लोग कांग्रेस सरकार के कार्यों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि अजमेर आरएसएस का एक गढ़ है। लेकिन यहां कांग्रेस भी स्थापित है। लोग समझ गए हैं कि भाजपा एक जुमलेबाज पार्टी है। लोग यह भी समझ गए हैं कि भाजपा सिर्फ धर्म के नाम पर राजनीति करती है। अब कोई इनकी जुमलेबाजी में नहीं आने वाला है।
 
उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी का दावा था कि भाजपा हिंदुत्व को अपने जीवन में अपनाती है, लेकिन कांग्रेस को सिर्फ चुनाव के समय हिंदू याद आते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व है, केंद्र सरकार के विकास कार्य हैं और सांस्कृतिक विकास के लिए जो काम हुए हैं, उनका असर इस चुनाव पर निश्चित रूप से होगा। कांग्रेस के तुष्टिकरण को जनता खारिज करेगी।
 
क्या हैं कांग्रेस की 7 गारंटियां : कांग्रेस ने जिन सात 'गारंटी' की घोषणा की है, उनमें गोधन योजना की 'गारंटी' भी है जिसके तहत छत्तीसगढ़ की तर्ज पर किसानों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी जाएगी। उसने कॉलेज में दाखिला लेने वाले हर छात्र को पहले वर्ष मुफ्त लैपटॉप देने, प्रदेश के हर छात्र को अंग्रेजी मीडियम से शिक्षा देने, प्राकृतिक आपदा के शिकार होने वाले हर परिवार को 15 लाख रुपए का बीमा देने, महंगाई से राहत देने के लिए प्रदेश के 1.05 करोड़ परिवारों को 500 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर मुहैया कराने की भी 'गारंटी' दी है।
 
कांग्रेस ने 'गृहलक्ष्मी' योजना के तहत हर परिवार की महिला मुखिया को सालाना 10 हजार रुपये देने और सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस का कानून बनाने की गारंटी भी दी है।
 
अजमेर जिले में आठ विधानसभा सीट आती है, इनमें से 7 विधानसभा सीटें- अजमेर उत्तर, ब्यावर, केकड़ी, किशनगढ़, मसूदा, नसीराबाद और पुष्कर अनारक्षित हैं, जबकि अजमेर दक्षिण सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। औसतन हर विधानसभा क्षेत्र में सवा दो लाख मतदाता है।
 
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ दो सीटों मसूदा और केकड़ी में ही जीत दर्ज कर सकी थी। शेष 6 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इनमें से दो विधानसभा सीटें अजमेर उत्तर और अजमेर दक्षिण ऐसी है, जहां भाजपा 2003 से लगातार जीत दर्ज कर रही है। राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर आगामी 25 नवंबर को मतदान होना है। मतगणना 3 दिसंबर को होगी। (भाषा)
 

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