क्या पंजाब में आम आदमी पार्टी की हवा बिगाड़ेंगे डेरा प्रमुख राम रहीम?

वृजेन्द्रसिंह झाला
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की पंजाब चुनाव से ठीक पहले 21 दिन की पैरोल पर रिहाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह तो माना जा रहा है कि इस रिहाई के पीछे भाजपा का हाथ है, लेकिन इसके पीछे के असल 'मकसद' को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। 
 
दरअसल, पंजाब का मालवा क्षेत्र राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाता है। 117 सदस्यीय विधानसभा में 69 सीटें मालवा से ही आती हैं। अर्थात इस क्षेत्र में जिस दल का प्रदर्शन अच्छा रहेगा, पंजाब की सत्ता में उसका बैठना तय माना जाता है। इस इलाके में डेरा का भी अच्छा खासा प्रभाव है। यूं तो डेरा का सभी सीटों पर असर है, लेकिन 50 के लगभग सीटों पर उसका सीधा-सीधा असर माना जाता है। 
 
हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि डेरा प्रमुख भाजपा और उसके गठबंधन के पक्ष में प्रत्यक्ष या परोक्ष अपील जारी कर सकते हैं, जिसके चलते इस इलाके के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। वर्तमान में इस इलाके में अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का जोर बताया जा रहा है। राजनीतिक पंडितों की मानें आप इस इलाके की 40 से 50 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। 
 
पंजाब की राजनीतिक नब्ज को समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार किरणजीत रोमाना कहते हैं कि इस समय मालवा में आप की हवा है और हालात में बदलाव नहीं आया तो ज्यादातर सीटों पर आप का कब्जा हो सकता है। रोमाना कहते हैं कि भाजपा समेत पंजाब की कोई भी पार्टी नहीं चाहती कि राज्य की सत्ता में केजरीवाल की पार्टी आए। इसीलिए रातोरात डेरा प्रमुख राम रहीम को जेल से बाहर लाया गया है।
 
रोमाना के मुताबिक मालवा क्षेत्र में भगवंत मान भी काफी लोकप्रिय हैं और वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए आम आदमी पार्टी 40 से ज्यादा सीटें हासिल कर सकती है। यदि हवा अनुकूल नहीं रही और पार्टी इस क्षेत्र में 15-20 सीटों पर सिमट गई तो सरकार बनाना नामुमकिन होगा। दोआबा एनआरआई का इलाका है, यहां आप का ज्यादा प्रभाव नहीं है। हालांकि माझा क्षेत्र में आप का जरूर असर है, लेकिन सरकार बनाने के लिए मालवा क्षेत्र की बड़ी भूमिका होगी। 
 
ऐसे में पंजाब के पुराने राजनीतिक दलों की पूरी कोशिश है कि डेरे के सपोर्टरों को आम आदमी पार्टी से दूर किया जाए और यह तभी संभव होगा जब डेरा प्रमुख राम रहीम अपने समर्थकों को इसके लिए कहें। माना जा रहा है कि डेरा प्रमुख जल्द ही अपनी सियासी विंग के माध्यम से इस काम को अंजाम दे सकते हैं। इन अटकलों को बल इसलिए भी मिलता है क्योंकि अभी तक सभी सर्वेक्षणों में आम आदमी पार्टी पंजाब में सबसे आगे चल रही है। 
 
दरअसल, आम आदमी पार्टी को लेकर राजनीतिक दलों में इसलिए भी डर है कि यदि पार्टी पंजाब की सत्ता पर काबिज हो जाती है तो 2024 और 2027 के चुनावों में भी इन दलों के लिए मुसीबत का सबब बन जाएगी। साथ ही इसका असर दिल्ली और पंजाब के बाद अन्य राज्यों तक भी हो सकता है।

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