पीवी नरसिंह राव : देश को उदारीकरण के रास्ते पर आगे बढ़ाया

Webdunia
अनेक भाषाओं के जानकार पीवी (पामुलापति वेंकट) नरसिंहराव संगीत, सिनेमा और थिएटर को अत्यंत पसंद करते थे। उनकी भारतीय संस्कृति और दर्शन में काफी रुचि थी। साहित्य में रुचि रखने वाले राव ने तेलुगु और हिन्दी में कविताएं भी लिखी थीं। वे स्पेनिश और फ्रांसीसी भाषाएं भी बोल व लिख सकते थे।
 
प्रारंभिक जीवन : उनका जन्म 28 जून 1921 को आंध्रप्रदेश के करीम नगर जिले के वांगरा ग्राम में हुआ था। उन्होंने उस्मानिया, नागपुर और मुंबई विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण की। ये विधि संकाय में स्नातक तथा स्नातकोत्तर की उपाधियां प्राप्त थे। इनकी पत्नी का निधन इनके जीवनकाल में ही हो गया था।
 
राजनीतिक जीवन : नरसिंह राव ने आजादी आंदोलन में भी भाग लिया था। 1962 से 1971 तक वे आंध्रप्रदेश मंत्रिमंडल में भी रहे। 1971 में राव प्रदेश की राजनीति में कद्दावर नेता बन गए। वे 1971 से 1973 तक आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। इंदिरा गांधी के प्रति वफादारी के चलते इन्हें काफी राजनीतिक लाभ प्राप्त हुआ और इनका राजनीतिक कद भी बढ़ा। उन्होंने गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय तथा रक्षा मंत्रालय भी देखा था। इन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों का कार्यकाल देखा। इनकी विद्वता और योग्यता के कारण दोनों नेता इनका सम्मान करते थे।
 
1991 में प्रधानमंत्री बने : राजीव गांधी के आकस्मिक निधन के बाद अनिच्छुक होते हुए भी पीवी नरसिंह राव देश के प्रधानमंत्री बनाए गए। वे दक्षिण भारत से पहले प्रधानमंत्री थे। वे 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहे तथा प्रधानमंत्री पद का कुशलतापूर्वक संचालन किया। सारे देश में आर्थिक सुधारों को लागू करने का श्रेय इन्हें ही जाता है।
 
विशेष : पीवी नरसिंह राव ने देश की कमान काफी मुश्किल समय में संभाली थी। उस समय भारत का विदेशी मुद्रा भंडार चिंताजनक स्तर तक कम हो गया था और देश का सोना तक गिरवी रखना पड़ा था। उन्होंने रिजर्व बैंक के अनुभवी गवर्नर डॉ. मनमोहन सिंह को वित्तमंत्री बनाकर देश को आर्थिक भंवर से बाहर निकाला। वे हिन्दी, अंग्रेजी, तेलुगु, मराठी, स्पेनिश, फ्रांसीसी सहित 17 भाषाओं के ज्ञाता थे। वे स्पेनिश और फ्रांसीसी भाषाएं बोल व लिख भी सकते थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

अगला लेख
More