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29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में शाही स्नान पर बन रहा है महा संयोग, स्नान, दान और तर्पण से होगा लाभ

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WD Feature Desk

, शनिवार, 25 जनवरी 2025 (11:53 IST)
mauni amavasya 2025: 29 जनवरी 2025 बुधवार के दिन महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान होगा। इस दिन मौनी अमावस्या रहेगी। इसी दिन त्रिवेणी योग, शिव वास योग, वज्र योग और सिद्धि योग बन रहा हैं। कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन यदि प्रयाग में कुंभ हो तो इसे अमृत योग कहते हैं। इस योग में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है और वह सुख, शांति, समृद्धि के साथ ही जीवन में बहुत उन्नति करता है। अमावस्या तिथि 28 जनवरी को शाम 7:37 पर शुरू होगी और 29 जनवरी को शाम 06:05 तक समाप्त होगी, इसलिए उदया तिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी।ALSO READ: मौनी अमावस्या के बारे में 5 खास बातें, कुंभ स्नान और दान से मिलता है मोक्ष
 
स्नान, दान और तर्पण से होगा महालाभ:
1. गंगा स्नान: मौनी अमावस्या के महासंयोग में कुंभ स्नान करने से सभी पाना का नाश हो जाएगा और मृत्यु के बाद सद्गति मिलेगी।
 
2. अमावस्या का दान: मौनी अमावस्या के दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है।
 
3. पितृ तर्पण: मौनी अमावस्या का दिन पितरों की शांति और पितृदोष से मुक्ति का खास दिन होता है। इसलिए इस दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।
 
4. धार्मिक अनुष्ठान: इस दिन भगवान विष्णु, शिव, और सूर्य की विशेष पूजा की जाती है। इसी के साथ ही पीपल वृक्ष की पूजा और उसके नीचे दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
Mauni Amavasya 2025
1. त्रिवेणी योग: इस बार मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी योग का विशेष संयोग बन रहा है। मकर राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध के एक साथ होने से इस योग का निर्माण होगा। ज्योतिष में इस योग को बहुत ही शुभ माना जाता है।
 
2. शिववास योग: इसे भगवान शिव के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है और यह भक्तों के लिए विशेष फलदायी होता है। इसलिए इसे शिव वास योग कहते हैं। यह योग 29 जनवरी को दिन के 6:05 बजे तक रहेगा।
 
3. सिद्धि योग: सिद्धि योग को भी शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। सिद्धि योग के स्वामी भगवान गणेश हैं, जो शुभता प्रदान करते हैं। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। यह योग 29 जनवरी को प्रात: काल से रात के 9:22 बजे तक रहेगा। 
 
4. वृषभ गुरु योग: इन योगों के अलावा, इस दिन बन रहे अन्य शुभ संयोगों का भी उल्लेख किया गया है, जैसे कि गुरु का वृषभ राशि में होना, जो महाकुंभ पर भी अपना प्रभाव डालेगा। 
 
5. वज्र योग: मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र के साथ व्रज योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितरों के तर्पण व श्राद्ध करने पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।ALSO READ: महाकुंभ 2025: 29 जनवरी मौनी अमावस्या पर कुंभ का शाही स्नान, जानिए किस विधि से करें स्नान कि मिले पुण्य

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