रतलाम लोकसभा सीट पर आदिवासी विकास और उम्मीदवारों के चेहरे पर सीधी लड़ाई

विकास सिंह
शुक्रवार, 10 मई 2024 (12:33 IST)
भोपाल। लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में 13 मई को आखिरी चरण में 8 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। 13 मई को जिन आठ लोकसभा सीटों पर मतदान होना है उसमें रतलाम लोकसभा सीट इन दिनों कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के बयान के चलते चर्चा के केंद्र में है। दरअसल रतलाम लोकसभा सीट कांग्रेस के आदिवासी चेहरे कांतिलाल भूरिया के गढ़ के रुप में पहचाना जाता है। पांच बार सीट का प्रतिनिधित्व कर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया 2019 का लोकसभा चुनाव रतलाम लोकसभा सीट से लड़े थे लेकिन उन्हें चुनाव में भाजपा उम्मीदवार जीएस डामोर से हार का सामना करना पड़ा था।

रतलाम लोकसभा सीट-रतलाम लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने  का मुकाबला है। भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद जीएस डामोर का टिकट काटकर मोहन यादव  सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता सिंह चौहान को मैदान में उतारा है, वहीं  कांग्रेस ने एक बार फिर अपने दिग्गज आदिवासी चेहरे कांतिलाल भूरिया को मैदान में उतारा है।
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रतलाम लोकसभा सीट को भाजपा किस कदर गंभीरता से ले रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि इस सीट पर भाजपा ने अपने परिवारवाद के फॉर्मूले को दरकिनार कर कैबिनेट मंत्री की पत्नी को टिकट दिया है।

पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर परिवारवाद को लेकर आरोप लगाते रहे है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी के बेटे विक्रांत भूरिया और भाजपा प्रत्याशी के पति और कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान के बीच जुबानी जंग ने भी सियासी पारा गर्मा दिया है।
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सीट का सियासी समीकरण- रतलाम लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों झाबुआ, रतलाम और अलीराजपुर तक फैला हुआ है। रतलाम लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र आते है। पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की तीन विधानसभा सीटें कांग्रेस जीती थी जबकि भाजपा के खाते में 4 सीटें गई हैं। वहीं एक सीट सैलाना में भारत आदिवासी पार्टी ने अपना कब्जा जमाया था।

रतलाम लोकसभा क्षेत्र में झाबुआ जिले की तीन विधानसभा सीटें झाबुआ, थांदला, जोबट और रतलाम जिले की तीन विधानसभा सीटें रतलाम ग्रामीण, रतलाम शहर और सैलाना आती हैं। वहीं अलीराजपुर की दो विधानसभा सीटें जोबट और अलीराजपुर आती है। इनमें से झाबुआ जिले की 2 और अलीराजपुर की एक सीट कांग्रेस के पास हैं जबकि रतलाम जिले की 2 और झाबुआ-अलीराजपुर की एक-एक सीट पर भाजपा का कब्जा है।
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सीट का जातिगत सियासी समीकरण- आदिवासी वोटर्स के बाहुल्य वाली रतलाम लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों के सामने आदिवासी वोटर्स को अपने पाले में लाने की चुनौती है। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही अनीता नागर सिंह चौहान भिलाला आदिवासी हैं जबकि कांतिलाल भरिया भील आदिवासी। क्षेत्र में भील समाज की तादाद भिलाला से काफी ज्यादा है। रतलाम लोकसभा सीट पर  

चुनाव का मुख्य मुद्दा-आदिवासी वोटर्स के बाहुल्य वाली सीट पर आदिवासियों के विकास का मुद्दा हावी है। यहीं कारण है कि कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने दो पत्नी वालों दो लाख रुपए देने की घोषणा की है। इसके साथ कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में किए वादों को जोर शोर से उठाने के साथ बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की आय दोगुनी न होने जैसे मुद्दे को चुनाव में उठा रही है। वहीं भाजपा मोदी सरकार की योजनाओं के साथ राममंदिर जैसे मुद्दों को उठा रही है।
 

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