2024 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट देश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट है। 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी भाजपा कांग्रेस के अभेद दुर्ग कहलाने वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर जीत नहीं दर्ज कर सकी है। 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा छिंदवाड़ा जिले में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। ऐसे में अब भाजपा जो लोकसभा चुनाव में इस बार सभी 29 लोकसभा सीट जीतने के लक्ष्य के साथ उतरी है उसके सामने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भगवा लहराना एक बड़ी चुनौती है।
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट- छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें जुन्नारदेव, चौरई, अमरवाड़ा, सौसर, छिंदवाड़ा, परासिया और पांढुर्ना विधानसाभा सीटें शामिल हैं। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर आदिवासी वोटर्स गेमचेंजर की भूमिका निभाते है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर आदिवासी वोटर्स की संख्या 6 लाख से ज्यादा है। छिंदवाड़ा लोकसभा में आने वाली जुन्नारदेव, अमरवाड़ा और पांढुर्णा आदिवासी बहुल्य विधानसभा सीट है।
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास-छिंदवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस के गढ़ के तौर पर पूरे देश में पहचानी जाती है। छिंदवाड़ा में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव और 1 उप-चुनाव में भाजपा केवल एक बार उपचुनाव में जीत हासिल कर सकते है। 1980 से कमलनाथ और उनकी पत्नी और बेटे ने छिंदवाड़ा में हुए आम चुनावों में जीत हासिल की है। भाजपा के केवल 1997 के उपचुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर जीत हासिल कर पाई थी। तब भाजपा के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को उपचुनाव में हराया था।
2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद कमलनाथ जब मुख्यमंत्री बने तो उसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने बेटे नकुलनाथ को अपनी विरासत सौंपी और नकुलनाथ अपना पहला चुनाव छिंदवाड़ा से लड़े। लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा सीट पर जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को 5,47,305 वोट मिले वहीं भाजपा के उम्मीदवार नत्थन शाह को 5,09,769 वोट हासिल हुए। ऐसे में नकुलनाथ ने करीब 38 हजार वोटों से जीत हासिल की थी।
विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ-2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में आने वाली सभी 7 विधानसभा सीट जीतकर अपने इस अभेद दुर्ग पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। वर्तमान सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा सीट की कमान अपने हाथों में रखी थी और उन्होंने सातों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों का एलान किया था। कमलनाथ खुद छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे और जीतकर लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा को छिंदवाड़ा में जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा।
छिंदवाड़ा लोकसभा के संभावित उम्मीदवार-छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसद नकुलनाथ के नाम की घोषणा कांग्रेस पार्टी ने तो नहीं की है लेकिन कमलनाथ ने नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं मिशन 29 के लक्ष्य के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में सेंध लगाने के लिए किसी बड़े चेहरे को चुनावी मैदान में उतार सकती है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ाने की अटकले लगाई जा रही है। वहीं कमलनाथ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपा जिला अध्यक्ष बंटी साहू के साथ आदिवासी चेहरे नत्थन शाह, मोनिका बट्टी भी दौड़ में शामिल है।
लोकसभा चुनाव का मुद्दा-कांग्रेस के गढ़ के तौर पर पहचानी जाने वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर विकास ही मुख्य मुद्दा होता है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कमलनाथ के विकास का छिंदवाड़ा मॉडल मोदी लहर पर भारी पड़ा था। लोकसभा चुनाव में सामान्य तौर पर राष्ट्रीय मुद्दें हावी होते है लेकिन छिंदवाड़ा में कमलनाथ और विकास के मुद्दें पर ही जनता वोट करती आई है। इस बार लोकसभा चुनाव में राममंदिर का मुद्दा हावी होने के आसार के चलते कमलनाथ और नकुलनाथ पिछले दिनों भगवान राम से बड़े आयोजन करा चुके है।
लोकसभा सीट में मतदाताओं की संख्या- 2011 की जनगणना के अनुसार छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर लगभग 11.1% (167,085) अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) की जनसंख्या 36.2% यानि 544,907 है। वहीं मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 4.7% (71,152) है। इसके अलावा इस सीट पर ग्रामीण मतदाता 75.3% (1,133,466) और शहरी मतदाता 24.7% (371,801) हैं।