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अयोध्या में इस बार कड़ा मुकाबला, जानिए रामनगरी का चुनावी इतिहास...

हमें फॉलो करें अयोध्या में इस बार कड़ा मुकाबला, जानिए रामनगरी का चुनावी इतिहास...
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संदीप श्रीवास्तव

, मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022 (13:25 IST)
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बीच अयोध्या विधानसभा सीट पर यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश की मीडिया की नजर है। कारण श्रीराम जन्मभूमि स्थल का होना और इसे यूपी और केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा चुनावी मुद्दा बनाना। इस सीट का इतिहास कम रोचक नहीं है। 
 
वर्ष 1964 में वजूद मे आई अयोध्या विधानसभा उस समय फैज़ाबाद सदर सीट के नाम से जानी जाती थी। वर्ष 1967 के चुनाव में इस विधानसभा सीट पर भाजपा की मूल पार्टी रही जनसंघ के ब्रजकिशोर अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी। हालांकि 1969 में हुए अगले चुनाव में कांग्रेस के विश्वनाथ कपूर ने विजय प्राप्त की थी। 1974 में इस सीट पर एक बार फिर जनसंघ ने कब्जा जमाया और वेद प्रकाश अग्रवाल ने यहां से विधायक बने। 
 
वर्ष 1977 के विधानसभा चुनाव में पहली बार ब्राम्हण बाहुल्य विधानसभा का असर दिखा और जनता पार्टी के जयशंकर पांडेय ने जीत दर्ज की। 1980 के विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गई और निर्मल खत्री विधायक बने। 1985 कांग्रेस के सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने विजयश्री हासिल की। 1989 में जनता दल के टिकट पर जयशंकर पांडेय ने जीत दर्ज की।
 
लगातार 5 बार विधायक बने लल्लू सिंह : राम जन्मभूमि आंदोलन के चलते इसके बाद अयोध्या में भगवा दौर की शुरुआत हुई। यह भाजपा के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रहा। साधु-संतों के आशीर्वाद से भाजपा नेता लल्लू सिंह के विधायक बनने का सफर शुरू हुआ जो कि वर्ष 1991 से 2007 तक लगातार जारी रहा। सिंह यहां से 5 बार विधायक बने। 
 
लल्लू सिंह के तिलिस्म को तोड़ने का काम 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के युवा ब्राह्मण चेहरे तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन ने किया। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर से अयोध्या की इस सीट पर मोदी लहर में वेद प्रकाश गुप्ता को प्रत्याशी बनाकर कब्जा कर लिया। इस बार यानी 2022 के चुनाव भी भाजपा ने वेदप्रकाश गुप्ता पर ही दांव लगाया है। 
 
इनकी प्रतिष्ठा दांव पर : भाजपा ने जहां एक बार फिर वेदप्रकाश गुप्ता पर भरोसा जताया है, वहीं सपा ने पूर्व विधायक तेजनारायण पांडेय 'पवन' को मैदान में उतारा है। इनके अलावा रविप्रकाश मौर्य (बसपा), श्रीमती रीता (कांग्रेस), शुभम श्रीवास्तव (आम आदमी पार्टी), संतोष दुबे (शिवसेना) और सूर्यकांत पांडेय (कम्युनिस्ट पार्टी) मैदान में हैं। 

पिछले 4 विधानसभा चुनावों की स्थिति
 
 वर्ष विधायक पार्टी  प्राप्त मत निकटतम प्रतिद्वंदी
 2002 लल्लू सिंह भाजपा  51,289 अभय सिंह (बसपा)
 2007  लल्लू सिंह भाजपा 58,493 इंद्रप्रताप तिवारी (सपा) 
 2012 तेजनारायण पांडेय सपा 55,262 लल्लू सिंह (भाजपा)
 2017 वेद प्रकाश गुप्ता भाजपा 1,07,014  तेजनारायण पांडेय (सपा) 

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