Jaivardhan Singhs profile in Hindi : दिग्विजय सिंह राघौगढ़ के राजा हैं तो उनके बेटे जयवर्धन सिंह राघौगढ़ के राजघराने के राजकुमार हैं। राघौगढ़ की जनता उन्हें महाराज कुंवर या छोटे बाबा साहेब के नाम से पुकारती है। पिता दिग्विजय सिंह की इच्छा के विरुद्ध जयवर्धन सिंह ने राजनीति की राह चुनी। कांग्रेस ने जयवर्धन सिंह को 2023 के विधानसभा चुनाव में राघौगढ़ से एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है।
जन्म और शिक्षा : जयवर्धन सिंह का जन्म 9 जुलाई 1986 में हुआ था। दून स्कूल से पढ़ाई करने के बाद जयवर्धन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और वहां से डिग्री हासिल कर लौटने के बाद राजनीति में कूद पड़े।
पिता ने करवाई पदयात्रा : जब जयवर्धन सिंह ने राजनीति में जाने की इच्छा को पिता के सामने रखा तो उन्होंने चुनाव लड़ाने से पहले उन्होंने अपने बेटे से राघौगढ़ की पदयात्रा भी करवाई। जयवर्धन सिंह का विवाह बिहार के डुमरिया राजघराने की श्रीजम्या शाही के साथ हुआ है।
कब लड़ा पहला चुनाव : 2013 में कांग्रेस ने दिग्विजय की सीट राघौगढ़ से जयवर्धन सिंह को मैदान में उतारा। दिग्विजय सिंह इसी सीट से पहली बार 1977 में विधायक बने थे। मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह ने 2003 में यहीं से शिवराज सिंह चौहान को पराजित किया था। दिग्विजय सिंह के पिताजी और जयवर्धन सिंह के दादाजी बलभद्र सिंह मध्य प्रदेश की पहली विधानसभा में विधायक थे।
जयवर्धन सिंह ने भाजपा उम्मीदवार राधेश्याम धाकड़ को 58204 वोटों से हराया। इस शानदार जीत से जयवर्धन सिंह पहली बार विधानसभा पहुंचे। जयवर्धन सिंह 14वीं विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक बने। 2018 के विधानसभा चुनाव में जयवर्धन सिंह भाजपा उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह रघुवंशी को हराया। कमलनाथ सरकार में जयवर्धन सिंह को नगरीय विकास मंत्री बनाया गया।