नई दिल्ली। 18 नवंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। राज्यसभा में जहां 15 विधेयक पारित हुए, वहीं लोकसभा में कामकाज का प्रतिशत 116 रहा।
17वीं लोकसभा का 18 नवंबर से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दो बार के स्थगन के बाद दोपहर बाद 12.15 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्यों की नारेबाजी के बीच इस सत्र में हुए कामकाज की जानकारी दी और इसके बाद उन्होंने कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में सदन की कुल 20 बैठकें हुई और 28 घंटे 43 मिनट अतिरिक्त कामकाज हुआ। इसकी कामकाज 116 प्रतिशत रहा।
राज्यसभा में पास हुए महत्वपूर्ण बिल : विवादों में घिरे नागरिकता (संशोधन) विधेयक, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और किन्नर अधिकार संरक्षण विधेयक समेत 15 विधेयकों को पारित करने के साथ ही राज्यसभा का 250वां सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
अट्ठारह नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के दौरान उच्च सदन में कुल 20 बैठकें हुईं और कामकाज 100 प्रतिशत रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विवादास्पद बयान को लेकर हंगामा हुआ, जबकि प्रश्नकाल के दौरान नागरिकता (संशोधन) कानून को लेकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में हो रहे आंदोलन और आगजनी की घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने सभापति के आसन के पास जाकर कानून की प्रतियां फाड़ दीं। हंगामे को देखते हुए सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
अपराह्न एक बजे सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो नायडू ने सत्र के समापन की घोषणा करते हुए इस सत्र में हुए सदन के कामकाज की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सदन में 15 विधेयक पारित किए गए और 100 प्रतिशत कामकाज हुआ।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण की समय सीमा बढ़ाने का संविधान संशोधन विधेयक, नागरिकता (संशोधन) विधेयक, एसपीजी विधेयक, ई-सिगरेट प्रतिबंध, ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण विधेयक आदि विधेयक पारित किए गए।