कुश्ती का खेल सबसे थका देने वाला खेल है। इस कारण यह खेल सिर्फ 6 मिनट का होता है। इस खेल के दौरान पहलवान का वजन कम हो सकता है लेकिन बढ़ नहीं सकता। हालांकि मीडिया में छपी खबरों के अनुसार ओलंपिक सेमीफाइनल मैच में विनेश का वजन 52 किलो था और अगले दिन जब उनका वजन नापा गया तो वह 100 ग्राम ज्यादा भारी पाई गई।
युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के अनुसार पहलवान को वजन कराने की अवधि में कई बार अपना वजन कराने का अधिकार होता है। नियम के अनुसार ) अगर कोई खिलाड़ी पहली और दूसरी बार वजन कराने के समय उपस्थित नहीं होता या अयोग्य होता है तो उसे स्पर्धा से बाहर कर दिया जायेगा और वह आखिरी स्थान पर रहेगा। उसे कोई रैंक नहीं मिलेगी।
पेरिस ओलंपिक आयोजन समिति ने एक बयान में कहा , विनेश दूसरे दिन कराये गए वजन में अयोग्य पाई गई। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के नियमों की धारा 11 के अनुसार विनेश (भारत) की जगह उस पहलवान को दी जायेगी जिसे उसने सेमीफाइनल में हराया था। इसी वजह से क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को फाइनल खेलने का मौका दिया गया है।
इससे पहले इटली की एमैन्युएला लियुजी को भी वजन अधिक पाये जाने के कारण पहले दौर का मुकाबला गंवाना पड़ा था।दरअसल कुश्ती के लिए किसी भी प्रतिस्पर्धा में पहलवानों का वजन दो दिन में दो बार लिया जाता है। जो पहलवान फाइनल में पहुंचते हैं उनका मैच के दिन वजन किया जाता है। नियमों के मुताबिक जिस पहलवान को मैट पर मैच खेलना होता है उस दिन ही उसका वजन होता है।
इस प्रक्रिया से पहले पहलवानों का चिकित्सकीय जांच भी होती है। जिसमें यह भी देखा जाता है कि कहीं पहलवान किसी त्वचा संबंधित बीमारी से तो नहीं ग्रसित है। या फिर कोई फैलने वाली बीमारी से तो नहीं पीड़ित है। इस जांच से पहले पहलवान के नाखून भी चेक किए जाते हैं। वहीं यह वजन लेने की प्रक्रिया सिंगलेट यानि कि उस ही पोशाक में होती है जिसमें पहलवान को अगला बाउट खेलना है।