राजीव शुक्ला ने आईपीएल के चेयरमैन, पत्रकार, राजनीतिक टिप्पणीकार, टीवी होस्ट तथा संसदीय योजना एवं कार्य राज्यमंत्री समेत एकसाथ कई जिम्मेदारियां संभालीं। राजीव शुक्ला सन् 2000 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी पत्रकारिता करते रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से की।
प्रारंभिक जीवन : राजीव शुक्ला का जन्म 13 सितंबर 1959 को उत्तरप्रदेश के कानपुर में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में हुई। उन्होंने कानपुर के पीपीएन कॉलेज से एमए तथा कानपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि : राजीव शुक्ला का विवाह पूर्व टीवी एंकर और हिन्दी व पंजाबी सिनेमा निर्माता अनुराधा प्रसाद से हुआ। इनकी एक बेटी है, वान्या।
करियर : पढ़ाई पूरी कर शुक्ला पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गए। बड़े भाई पत्रकारिता के क्षेत्र से ही थे। लिहाज़ा, उन्होंने भी पत्रकारिता को अपनाया। उन्होंने 100 रुपए प्रतिमाह की तनख्वाह पर एक छोटे से प्रकाशन में काम शुरू किया। बाद में महत्वाकांक्षाएं उन्हें दिल्ली ले आईं।
रिपोर्टर के रूप में वास्तविक पत्रकारिता की शुरुआत जनसत्ता समाचार पत्र से की। 1985 तक जनसत्ता में नौकरी करने के बाद शुक्ला ने पत्रिका, दैनिक जागरण, रविवार और संडे पत्रिका के विशेष संवाददाता के रूप में काम किया। संडे पत्रिका के राजनीतिक संपादक के रूप में भी सेवाएं दीं।
इसी बीच 1986 में जीटीवी के खास कार्यक्रम, 'रूबरू' के होस्ट बने और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हस्तियों सहित फिल्मी हस्तियों तथा खिलाड़ियों का साक्षात्कार किया।
इसके बाद शुक्ला, संडे पत्रिका के प्रेक्षक संपादक के रूप में लंबे समय तक जुड़े रहे। राजीव शुक्ला 10 वर्षों तक इंडियन एक्सप्रेस के स्तंभ 'फ्रंट-फुट' के स्तंभकार (कॉलमिस्ट) रहे।
1985 से 1988 तक रविवार पत्रिका के विशेष संवाददाता रहे। 1988 से 1992 तक दिल्ली में उक्त पत्रिका के राजनीतिक संपादक का दायित्व निभाया। 1992 से 1995 तक संडे ऑब्ज़र्वर के कार्यकारी संपादक, 1995 से 2000 तक संडे ऑब्ज़र्वर के ही वरिष्ठ संपादक के पद पर पदोन्नत होकर सेवाएं दीं।
राजीव शुक्ला ने आईपीएल के चेयरमैन, पत्रकार, राजनीतिक टिप्पणीकार, टीवी होस्ट तथा संसदीय योजना एवं कार्य राज्यमंत्री समेत एकसाथ कई जिम्मेदारियां संभालीं। राजीव शुक्ला सन् 2000 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी पत्रकारिता करते रहे। शुरुआत में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में उन्हें राजनीतिक सफलता नहीं मिली।
2000 में वे अखिल भारतीय लोक क्रांति कांग्रेस पार्टी की ओर से पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने। 2003 में उनकी पार्टी का विलय कांग्रेस में हो गया, जिसके बाद शुक्ला कांग्रेस के प्रवक्ता बने। जनवरी 2006 में वे ऑल इंडिया कांग्रेस पार्टी के सचिव बने। मार्च 2006 में वे राज्य विधानसभा के लिए फिर से चुन लिए गए। 2008 से 2013 तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अध्यक्ष पद पर रहे।
राजीव शुक्ला राजनीति के साथ बीएजी फिल्म लिमिटेड कंपनी के संस्थापक एवं निर्देशक रह चुके हैं। उत्तरप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव तथा भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर रह चुके हैं। वे बीसीसीआई द्वारा संचालित आईपीएल के 2011 में अध्यक्ष बने। 2012 में शुक्ला एक बार फिर आईपीएल के अध्यक्ष चुन लिए गए।
शुक्ला उन चंद पत्रकारों में से हैं, जिन्होंने जिला, संभाग, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर पत्रकारिता की है। क्रिकेट में सहभागिता के अलावा राजीव शुक्ला हॉकी इंडिया लीग के बोर्ड सदस्यों में भी शामिल हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली भी इन सदस्यों में हैं।
संसदीय कार्यमंत्री राजीव शुक्ला मुंबई में सस्ती दर में जमीन पाने के मसले पर बुरे तरह से घिर गए थे। हालांकि बाद में वे जमीन वापस करने पर राजी हो गए थे। यह विवाद मुंबई में अंधेरी के पॉश इलाके में राजीव शुक्ला को आवंटित की गई जमीन से जुड़ा था। बाजार में उस समय उस जमीन की कीमत लगभग 100 करोड़ थी, जबकि उसे राजीव शुक्ला को एक लाख से भी कम में दिया गया था।
यह जमीन राजीव शुक्ला को राजीव शुक्ला एजुकेशन सोसाइटी के नाम से मिली थी। खास बात यह रही कि राजीव शुक्ला की पत्नी की संस्था को दी गई इस जमीन के कागजात मंत्रालय में उपलब्ध ही नहीं हैं। एक आरटीआई अर्जी के जवाब में बताया गया कि इस मामले की फाइल पिछले साल मंत्रालय में लगी आग में जल गई थी।
फरवरी 2014 में तेलंगाना मुद्दे पर लोकसभा में मिर्च स्प्रे छिड़कने वाले सांसदों के इस कृत्य को शुक्ला ने 'हत्या करने का प्रयास' कहकर इसकी कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने यूएसए, यूके, जापान, बेल्जियम, पाकिस्तान, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका सहित करीब 80 देशों की यात्रा की है।