बजाज मोटर्स के संस्थापक राहुल बजाज का जन्म 10 जून, 1938 को कोलकाता में मारवाड़ी बिजनेसमैन कमलनयन बजाज और सावित्री बजाज के घर हुआ था। राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी अगुआई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बन गई। वे 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे।
राहुल बजाज भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता जमनालाल बजाज के पोते थे। राहुल ने अपनी पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की। उन्होंने मुंबई के लॉ यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री भी हासिल की।
उन्होंने कंपनी का नेतृत्व करते हुए बजाज चेतक नाम का स्कूटर बनाया। इस स्कूटर को काफी नाम मिला और इसे भारत के मध्यमवर्गीय परिवार की आकांक्षा का सूचक माना गया।
राहुल बजाज के नेतृत्व में ही उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थान मिला। राहुल बजाज को सन् 2001 में भारत सरकार ने उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया।
राहुल बजाज को 'नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' नामक फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा गया।
देश की दिग्गद टू व्हीलर कंपनी बजाज की जड़ें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई हैं। जमनालाल बजाज (1889-1942) अपने युग के यशस्वी उद्योगपति थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान वे महात्मा गांधी के 'भामाशाह' थे।
बचपन में क्लास रूम से निकाले जाने पर अपने टीचर को 'यू जस्ट कान्ट बीट अ बजाज' कहने वाले राहुल बजाज की फितरत किसी के अधीन काम करने वाली नहीं रही।
बजाज और नेहरू परिवार में तीन पीढ़ियों से फैमिली फ्रैंडशिप चली आ रही थी। राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय एक ही स्कूल में पढ़े थे। राहुल बजाज का 12 फरवरी 2022 को निधन हो गया।