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vinayak chaturthi 2021 : विनायक चतुर्थी पर इस सरल विधि से करें श्री गणेश का पूजन, पढ़ें मुहूर्त

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Chaturthi Puja Vidhi
 
वर्ष 2021 में 16 जनवरी, शनिवार को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। यह तिथि भगवान श्री गणेश की तिथि है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार श्री गणेश की कृपा प्राप्ति से जीवन के सभी असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी तथा कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। 
 
यह व्रत करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस व्रत में भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस दिन श्री गणेश की पूजा दोपहर-मध्याह्न में की जाती है। भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, विघ्नहर्ता यानी आपके सभी दु:खों को हरने वाले देवता। इसीलिए भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विनायक/विनायकी चतुर्थी और संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता हैं। इस दिन श्री गणेश का पूजन करना लाभदायी माना गया है। इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है।
 
 
चतुर्थी पर कैसे करें श्री विनायक का पूजन-
 
* ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें। 
 
* दोपहर पूजन के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। 
 
* संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें। 
 
* तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। 
 
* अब गणेश का प्रिय मंत्र- 'ॐ गं गणपतयै नम:' बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। 
 
* श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्‍डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्‍डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को 
 
प्रसाद स्वरूप बांट दें। 
 
* पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें। 
 
* ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। 
 
* अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें। 
 
* शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें। संकटनाशन 
 
गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें तथा 'ॐ गणेशाय नम:' मंत्र की माला जपें। 

विनायक चतुर्थी पूजन मुहूर्त- 
 
इस बार विनायक चतुर्थी का प्रारंभ शनिवार, 16 जनवरी को सुबह 07.27 मिनट से हो रहा है और रविवार, 17 जनवरी को सुबह 08.08 मिनट पर चतुर्थी तिथि की समाप्ति होगी। 
 
ज्ञात हो कि विनायक चतुर्थी का पूजन दोपहर-मध्याह्न में किया जाता है अत: शनिवार को सुबह 11.27 मिनट से दोपहर 01.35 मिनट तक पूजन करना अतिउत्तम रहेगा।


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