8 और 9 मार्च को शीतला माता का पर्व, जानिए पौराणिक कथा और इतिहास

Webdunia
शीतला माता का पर्व कभी माघ मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को, कही वैशाख मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को तो कही चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की सप्तमी अथवा अष्टमी को मनाया जाता है। शीतला माता अपने साधकों के तन-मन को शीतल कर देती है तथा समस्त प्रकार के तापों का नाश करती है। शीतला माता का पर्व चाहे षष्टी को हो, सप्तमी को हो या अष्टमी को इसे दूसरे नामों से भी जाना जाता है, जैसे बसौड़ा अथवा बसियौरा भी इसे कहा जाता है। वर्ष 2018 का शीतला माता पर्व गुरुवार और शुक्रवार यानी 8 और 9 मार्च 2018 को मनाया जाएगा। 
 
पौराणिक कथा
एक बार की बात है, प्रताप नगर में गांववासी शीतला माता की पूजा-अर्चना कर रहे थे और पूजा के दौरान गांव वालों ने गरिष्ठ का प्रसाद माता शीतला को प्रसाद रूप में चढ़ाया। गरिष्ठ प्रसाद से माता शीतला का मुंह जल गया। इससे माता शीतला नाराज हो गई। माता शीतला क्रोधित हो गई और अपने कोप से सम्पूर्ण गांव में आग लगा दी जिससे सम्पूर्ण गांव जलकर रख हो गया परन्तु एक बुढ़िया का घर बचा हुआ था।
 
गांव वालों ने जाकर उस बुढ़िया से घर ने जलने का कारण पूछा तब बुढ़िया ने माता शीतला को प्रसाद खिलाने की बात कही और कहा कि मैंने रात को ही प्रसाद बनाकर माता को ठंडा एवम बासी प्रसाद माता को खिलाया। जिससे माता शीतला ने प्रसन्न होकर मेरे घर को जलने से बचा लिया। बुढ़िया की बात सुनकर गांव वालों ने माता शीतला से क्षमा याचना की तथा अगले पक्ष में सप्तमी/अष्टमी के दिन उन्हें बासी प्रसाद खिलाकर माता शीतला का बसौड़ा पूजन किया।

ALSO READ: श्री शीतला माता जी की आरती
 
माता शीतला पर्व का महत्व 
 
हिन्दू धर्म के अनुसार माता शीतला अष्टमी को महिलाएं अपने परिवार तथा बच्चो की सलामती के लिए एवम घर में सुख,शांति के लिए रंग पंचमी से अष्टमी तक माता शीतला को बासौड़ा बनाकर पूजती है। माता शीतला को बासौड़ा में कढ़ी-चावल, चने की दाल, हलवा, बिना नमक की पूड़ी आदि चढ़ावे के एक दिन पूर्व रात्रि में बना लिए जाता है तथा अगले दिन यह बासी प्रसाद माता शीतला को चढ़ाया जाता है। पूजा करने के पश्चात महिलाएं बासौड़ा का प्रसाद अपने परिवारो में बांट कर सभी के साथ मिलजुल कर बासी भोजन ग्रहण करके माता शीतला का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

ALSO READ: 8 मार्च को शीतला सप्तमी, जानिए व्रत का महत्व...

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Ganesh Visarjan 2024: गणेश विसर्जन का 10वें दिन का शुभ मुहूर्त 2024, विदाई की विधि जानें

Surya in kanya : 16 सितंबर को सूर्य के कन्या राशि में जाने से 4 राशियों के बुरे दिन होंगे शुरू

Bhadrapada purnima 2024: भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और अचूक उपाय

Dussehra 2024: शारदीय नवरात्रि इस बार 10 दिवसीय, जानिए कब रहेगा दशहरा?

Surya in purva phalguni nakshatra : सूर्य के पूर्वा फाल्‍गुनी नक्षत्र में जाने से 4 राशियों को होगा धन लाभ

सभी देखें

धर्म संसार

Ganesh utsav 2024: गणेश उत्सव के आठवें दिन के अचूक उपाय और पूजा का शुभ मुहूर्त

14 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

14 सितंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष आ रहा है, जानिए कुंडली में पितृदोष की पहचान करके कैसे करें इसका उपाय

Kanya sankranti 2024: कन्या संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More