Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आचार्य रामचरण महाराज की जयंती, जानिए थे कौन

हमें फॉलो करें आचार्य रामचरण महाराज की जयंती, जानिए थे कौन

अनिरुद्ध जोशी

, शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020 (12:04 IST)
अंतरष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य रामचरण महाराज की 301वीं जयंती मनाई जाएगी। रामचरण जी का जन्म माघ शुक्ला 14 शनिवार संवत् 1776 (1719 ई.) को राजस्थान के जयपुर जिले के मालपुरा नामक नगर के पास सोडा नामक ग्राम में हुआ था। जो उनका ननिहाल था। वे मालपुरा के समीप बनवाडा नामक ग्राम के रहने वाले थे।
 
 
विजयवर्गीय वैष्य गौत्र कापडी समाज के स्वामीजी का बचपन का नाम रामकिशन था। आपका विवाह चांदसेन नामक ग्राम में, एक सम्पन्न परिवार में गिरधारीलाल खूंटेटा की कन्या गुलाब कंवर बाई के साथ हुआ। इस अवधि के आपके एक पुत्री का जन्म हुआ जिनका नाम जडाव कंवर था। इन्होंने जयपुर राज्य के अंतर्गत उच्च पद पर निष्ठा पूर्वक राजकीय सेवा की।
 
 
गुरु कृपाराम जी महाराज से इन्होंने रामभक्ति की शिक्षा ली और सन्न 1817 में ये भीलवाड़ा गए। वहीं इन्होंने अपनी अणभैवाणी की रचना की। इनके निवास हेतु विक्रम संवत 1822 में देवकरणजी तोषनीवाल ने रामद्वारा का निर्माण कराया था। स्वामीजी रामचरण जी महाराज वैशाख कृष्ण पंचमी गुरुवार सं. 1855 को शाहपुरा में ही ब्रह्मलीन हुए। इनके बारे में अधिकतर जानकारी विनतीरामजी द्वारा लिखित जीवन चरित्र पुस्तक और श्रीजगन्नाथजी कृत गुरु लीला विलास में मिलती है।
 
 
सन्त रामचरणजी शाहपुरा की रामस्नेही शाखा के प्रवर्तक थे, जबकि सन्त दरियाबजी रैण के रामस्नेही शाखा के थे। जयपुर नरेश के मन्त्री रहने के बाद उन्होंने अचानक सन्यास ग्रहण कर लिया तथा सन्तदास के शिष्य महाराज कृपाराम को उन्होंने अपना गुरु बना लिया। इन्होंने कठोर साधना की और अन्त में शाहपुरा में बस गए। इन्होंने यहां पर मठ स्थापित किया तथा राज्य के विभिन्न भागों में रामद्वारे बनवाए। इस प्रकार वे अपने विचारों तथा राम नाम का प्रचार करते रहे।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

माघी पूर्णिमा 2020 कब है : जानिए महत्व, शुभ मुहूर्त और व्रत की विधि