Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ओणम का त्योहार 2021 में कब है, क्यों मनाते हैं ये पर्व

हमें फॉलो करें ओणम का त्योहार 2021 में कब है, क्यों मनाते हैं ये पर्व

अनिरुद्ध जोशी

ओणम वैसे तो केरल का महत्वपूर्ण त्योहार है लेकिन उसकी धूम समूचे दक्षिण भारत में रहती है। यह त्योहार हिन्दी कैलेंडर के अनुसार भाद्र माह की शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है। जबकि मलयालम कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह में यह त्योहार मनाया जाता है जो कि प्रथम माह है। खासकर यह त्योहार हस्त नक्षत्र से शुरू होकर श्रवण नक्षत्र तक चलता है। इस बार यह पर्व 12 अगस्त 2021 से प्रारंभ होकर 23 अगस्त तक लेगा। 21 अगस्त को ओणम का मुख्य पर्व रहेगा।
 
 
क्यों मनाते हैं यह त्योहार?
1.पहली मान्यता : यह त्योहार किसी देवी-देवता के सम्मान में नहीं बल्की एक दानवीर असुर के सम्मान में मनाया जाता है जिसने विष्णु के अवतार भगवान वामन को तीन पग भूमि दान में दे दी थी और फिर श्री वामन ने उन्हें अमरता का वरदान देकर पाताल लोक का राजा बना दिया था। ऐसी मान्यता है कि अजर-अमर राजा बलि ओणम के दिन अपनी प्रजा को देखने आते हैं। राजा बलि की राजधानी महाबलीपुरम थी। लोग इस त्योहार को फसल और उपज के लिए भी मनाते हैं।
 
2. दूसरी मान्यता : मान्यता अनुसार परशुरामजी ने हैययवंशी क्षत्रियों से धरती को जीतकर दान कर दी थी। जब उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं बची तो वे सह्याद्री पर्वत की गुफा में बैठकर वरुणदेव की तपस्या करने लगे। वरुण देवता ने परशुरामजी को दर्शन दिए और कहा कि तुम अपना फरसा समुद्र में फेंको। जहां तक तुम्हारा फरसा समुद्र में जाकर गिरेगा, वहीं तक समुद्र का जल सूखकर पृथ्वी बन जाएगी। वह सब पृथ्वी तुम्हारी ही होगी। परशुरामजी के ऐसा करते पर समुद्र का जल सूख गया और जो भूमि उनको समुद्र में मिली, उसी को वर्तमान को केरल कहते हैं। परशुरामजी ने सर्वप्रथज्ञ इस भूमि पर विष्णु भगवान का मंदिर बनाया। कहते हैं कि वही मंदिर आज भी 'तिरूक्ककर अप्पण' के नाम से प्रसिद्ध है। जिस दिन परशुरामजी ने मंदिर में मूर्ति स्थापित की थी, उस दिन को 'ओणम' का त्योहार मनाया जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आज ओणम पर्व, जानिए महत्व