Naag Diwali 2022: प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह यानी अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग दिवाली का पर्व मनाते है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह पर्व 28 नवंबर 2022 सोमवार को मनाया जा रहा है। आओ जानते हैं कि क्यों मनाई जाती है नाग दिवाली और क्या है इस दिन का महत्व। क्यों कहते हैं इस नागों की दिवाली।
क्यों मनाते हैं नाग दिवाली? | Why celebrate Nag Diwali :
1. छोटी दिवाली, दिपावली और फिर देव दिवाली अर्थात कार्तिक पूर्णिमा के 20 दिन बाद नाग दीपावली का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन भी देवता धरती पर उतरते हैं जिनके स्वागत के लिए दीपदान करते हैं।
2. पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं अत: श्रावण मास ही शुक्ल पंचमी और भाद्रपद की कृष्ण पंचमी के बाद सबसे महत्वपूर्ण मार्गशीर्ष माह की पंचमी होती है जिस दिन पाताललोक के देवता नागों की पूजा का प्रचलन है।
क्या महत्व है नाग दिवाली का | What is the significance of Nag Diwali:
1. नाग दीपावली पर नाग पूजा का विशेष महत्व है। इस अवसर पर घरों में रंगोली बनाकर नाग के प्रतीक के सामने दीपक लगाने से मनोकामना पूर्ण होती है।
2. इस दिन नाग देवता की पूजा करने से वे कुंडली के कालसर्प दोष का पूरी तरह निवारण कर देते हैं।
3. पंचमी पर नागों की पूजा करने से जीवन की हर समस्याओं का समाधान हो जाता है और साथ ही साथ ही जीवन में आ रही दुविधाओं का समाधान भी मिलता है।
4. यदि आपकी कुंडली में विष योग, विष कन्या योग या अश्वगंधा योग है तो आप नागपंचमी के दिन विशेष रूप से नागदेव की पूजा करके इस योग से मुक्ति हो सकते हैं।
5. नाग देवता के साथ उनकी बहन मनसा देवी और उनके आराध्य शिव एवं पार्वती की पूजा के बगैर नाग पूजा को अधूरा माना जाता है।
6. नाग देवता का त्योहार उत्तराखंड के चमोली जिले के बांण गांव में स्थित मंदिर में खासकर नाग दिवाली की धूम रहती है। कहते हैं कि यहां पर साक्षात रूप में नागराज विराजमान हैं जिनके सिर पर मणि है। यह स्थान लाटू देवता के मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है।