Mangla Gauri Vrat 2024: तीसरे मंगला गौरी व्रत पर करें इस तरह पूजन, मिलेगा वरदान

अखंड सुहाग और पुत्र इच्छा की प्राप्ति का आशीष देता है यह व्रत

WD Feature Desk
मंगलवार, 6 अगस्त 2024 (09:45 IST)
Highlights 
 
श्रावण का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज।
जानें मंगला गौरी व्रत पूजा विधि और मंत्र।
मंगला गौरी व्रत का महत्व।  

ALSO READ: Mangla Gauri Vrat 2024: सावन मास का तीसरा मंगला गौरी व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विवाह में देरी के उपाय और मंत्र
 
3rd Mangla Gauri Vrat 2024: आज यानि मंगलवार, 06 अगस्त 2024 को श्रावण महीने का तीसरा मंगला गौरी व्रत मनाया जा रहा है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रहती हैं। साथ ही कुंवारी युवतियां भी मनोवांछित वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।

आइए जान‍ते हैं इस व्रत के बारे में : 

इस व्रत के संबंध में यह भी माना जाता है कि इसको करने से मंगल दोष शांत होता है और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस बार का यह मंगला गौरी व्रत श्रावण शुक्ल द्वि‍तीया तिथि को पड़ रहा है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है।
 
पूजा विधि : Pooja Vidhi
 
1. श्रावण मास के मंगलवार यानि मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें।
 
2. नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करें।
 
3. मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें। 
 
4. फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें। 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये।’ अर्थात्मैं अपने पति, पुत्र-पौत्रों, उनकी सौभाग्य वृद्धि एवं मंगला गौरी की कृपा प्राप्ति के लिए इस व्रत को करने का संकल्प लेती हूं।
 
5. तत्पश्चात मंगला गौरी के चित्र या प्रतिमा को एक चौकी पर सफेद फिर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। 
 
6. अब प्रतिमा के सामने एक आटे से बनाया हुआ घी का दीया जलाएं। दीपक ऐसा बना हुआ हो जिसमें 16 बत्तियां लगाई जा सकें।
 
7. फिर 'कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्। नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्...।।' 
 
8. यह मंत्र बोलते हुए माता मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।
 
9. इस पूजन में सभी वस्तुएं 16 की संख्या में होनी चाहिए। 
 
10. माता के पूजन के पश्चात उनको 16 मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां तथा मिठाई अर्पण करें। इसके अलावा 5 प्रकार के सूखे मेवे, 7 प्रकार के अनाज जिसमें गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर आदि धान्य हो वे चढ़ाएं।
 
11. माता के पूजन के पश्चात मंगला गौरी की कथा श्रवण करें।
 
12. शिवप्रिया देवी पार्वती को प्रसन्न करने वाला यह व्रत करने वालों को अखंड सुहाग तथा पुत्र प्राप्ति का वरदान देता है।

ALSO READ: Mangal gauri vrat 2024: सावन में हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत व्रत क्यों रखा जाता है?
मंगला गौरी के मंत्र : Mantra  
 
1. ॐ गौरीशंकराय नम:
2. ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।
3. उमामहेश्वराभ्यां नम:। 
4. अस्य स्वयंवरकलामंत्रस्य ब्रम्हा ऋषि, अतिजगति छन्द:, देवीगिरिपुत्रीस्वयंवरादेवतात्मनो अभीष्ट सिद्धये
5. नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:। नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता:प्रणता:स्म ताम्।। श्रीगणेशाम्बिकाभ्यां नम:, ध्यानं समर्पयामि। 
6. गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

सभी देखें

धर्म संसार

Vaikuntha chaturdashi date 2024: वैकुण्ठ चतुर्दशी का महत्व, क्यों गए थे श्री विष्णु जी वाराणसी?

13 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

13 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani ekadasshi 2024: देव उठनी एकादशी का पारण समय क्या है?

नीलम कब और क्यों नहीं करता है असर, जानें 7 सावधानियां

अगला लेख
More