देव उठनी एकादशी के बाद कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इस दिन दीपदान और कार्तिक स्नान करने का खास महत्व होता है क्योंकि इस दिन देव दिवाली रहती है। वर्ष में 4 दिवाली आती है। छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी), बड़ी दिवाली (कार्तिक अमावस्या पर), देव देवी (कार्तिक पूर्णिमा पर) और नाग दिवाली (मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी पर)। आओ जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दिवाली पर क्या करें।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 7 नवंबर 2022 सोमवार को शाम 4.15 पर।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 8 नवंबर 2022 मंगलवार को शाम 4.31 पर।
दीपदान : पूर्णिमा की रात्रि में दीपदान करने का महत्व है। 7 नवंबर 2022 सोमवार को पूर्णिमा तिथि की रात रहेगी। अत: इस दिन रात्रि में मंदिर या नदी के तट पर दीपदान करें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवी और देवता गंगा के तट पर एकत्रित होकर स्नान करके दिवाली मनाते हैं। यदि इस समय पवित्र नदी के तट पर दीपदान किया जाए तो सभी देवी और देवताओं का एक साथ आशीर्वाद मिलता है।
कार्तिक स्नान : कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन प्रात: स्नान करने की परंपरा है। उदया तिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का स्नान 8 नवंबर 2022 को होगा। इस दिन किया गया दीपदान जातक को असमय या अकाल मृत्यु से बचाता है। कार्तिक मास में श्री हरि जल में ही निवास करते हैं। इसीलिए पूर्णिमा के दिन स्नान करना अति उत्तम माना गया है। इस दिन दानादिका दस यज्ञों के समान फल होता है। इस दिन में दान का भी बहुत ही ज्यदा महत्व होता है। अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें।