महिलाओं के लिए परम सौभाग्य प्राप्ति का श्रेष्ठ अवसर है हरतालिका तीज। 24 अगस्त, गुरुवार को हरितालिका तीज त्योहार मनाया जाएगा। तीज तिथि गुरुवार रात्रि 8.26 मिनट तक रहेगी'
क्या होगा लाभ?
हरतालिका तीज का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है और कुंआरी लड़कियों को मनभावन पति मिलता है। देवी पार्वती ने स्वयं इस व्रत को कर भगवान शिव को प्राप्त किया था। ऐसी महिमा वाले इस परम पवित्र तीज को हर विवाहित तथा अविवाहित स्त्री को करना चाहिए। इस पर्व को पर्यावरण से जोड़कर भी देखा जाता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं सावन के बाद आई नई पत्तियों को शिवजी को चढ़ाकर अपने घर में हर प्रकार की वृद्धि का वर मांगती हैं।
कौन सी पत्तियां चढ़ाएं और कौन सी न चढ़ाएं? इस भ्रम को तोड़ने के लिए शास्त्रों में जिन पत्तियों का उपदेश है, वे हैं- बिल्वपत्र, तुलसी, जाती पत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चम्पा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा। इस प्रकार 16 प्रकार की पतियों से षोडश उपचार पूजा करनी चाहिए।
क्या करें विशेष?
निराहार रहकर व्रत करें।
रात्रि जागरण कर भजन करें।
बालू के शिवलिंग की पूजा करें।
सखियों सहित शंकर-पार्वती की पूजा रात्रि में करें।
पत्ते उलटे चढ़ाना चाहिए तथा फूल व फल सीधे चढ़ाना चाहिए।
हरतालिका तीज की कथा गाना अथवा श्रवण करें।