आज मनेगा हल षष्ठी व्रत, जानिए कैसे करें पूजन?

Webdunia
* हल षष्ठी एवं हरछठ का व्रत जानिए कैसे करें ? 

प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को हल षष्ठी व्रत मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 13 अगस्त 2017 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन श्री बलरामजी का जन्म हुआ था। श्री बलरामजी का प्रधान शस्त्र हल तथा मूसल है। इसी कारण उन्हें हलधर भी कहा जाता है। उन्हीं के नाम पर इस पर्व का नाम 'हल षष्ठी' पड़ा। भारत के कुछ पूर्वी हिस्सों में इसे 'ललई छठ' भी कहा जाता है।
 
कैसे करें हलछठ व्रत -  
 
* प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
* पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर गोबर लाएं।
* इसके बाद पृथ्वी को लीपकर एक छोटा-सा तालाब बनाएं।
* इस तालाब में झरबेरी, ताश तथा पलाश की एक-एक शाखा बांधकर बनाई गई 'हरछठ' को गाड़ दें।
* पश्चात इसकी पूजा करें।
* पूजा में सतनाजा (चना, जौ, गेहूं, धान, अरहर, मक्का तथा मूंग) चढ़ाने के बाद धूल, हरी कजरियां, होली की राख, होली पर भुने हुए चने के होरहा तथा जौ की बालें चढ़ाएं।
* हरछठ के समीप ही कोई आभूषण तथा हल्दी से रंगा कपड़ा भी रखें।
* पूजन करने के बाद भैंस के दूध से बने मक्खन द्वारा हवन करें।
* पश्चात कथा कहें अथवा सुनें।
 
अंत में निम्न मंत्र से प्रार्थना करें : -
 
गंगाद्वारे कुशावर्ते विल्वके नीलेपर्वते।
स्नात्वा कनखले देवि हरं लब्धवती पतिम्‌॥
ललिते सुभगे देवि-सुखसौभाग्य दायिनि।
अनन्तं देहि सौभाग्यं मह्यं, तुभ्यं नमो नमः॥
 
- अर्थात् हे देवी! आपने गंगा द्वार, कुशावर्त, विल्वक, नील पर्वत और कनखल तीर्थ में स्नान करके भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त किया है। सुख और सौभाग्य देने वाली 
 
ललिता देवी आपको बारम्बार नमस्कार है, आप मुझे अचल सुहाग दीजिए।
 
व्रत की विशेषता
 
* इस दिन हल पूजा का विशेष महत्व है।
 
* इस दिन गाय के दूध व दही का सेवन करना वर्जित माना गया है।
 
* इस दिन हल जुता हुआ अन्न तथा फल खाने का विशेष माहात्म्य है।
 
* इस दिन महुए की दातुन करना चाहिए।
 
* यह व्रत पुत्रवती स्त्रियों को विशेष तौर पर करना चाहिए। 
 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

गर्मी में करें ये धार्मिक उपाय, मिलेगी तपती धूप में सकारात्मक ऊर्जा और शांति

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण

अचला या अपरा एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है?

सभी देखें

धर्म संसार

May 2025 Weekly Horoscope: मई के नए हफ्ते का साप्ताहिक राशिफल, जानें किन राशियों का चमकेगा भाग्य

Aaj Ka Rashifal: पढ़ें 18 मई का राशिफल, जानें क्या कहते हैं 12 राशियों के सितारे

18 मई 2025 : आपका जन्मदिन

18 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

कब से प्रारंभ हो रही है पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा, क्या रहेगा इस बार खास?

अगला लेख