Gupt Navratri 2020 : गुप्त नवरात्रि शुरू, जानिए देवी पूजन की खास तिथियां और महत्व

Webdunia
Gupt Navratri 22 June 2020
गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 22 जून से शुरू होकर 29 जून 2020 तक जारी रहेगी। ज्ञात हो कि वर्ष में आदि शक्ति मां भगवती की उपासना के लिए चार नवरात्रि आती है। इसमें दो गुप्त एवं दो उदय नवरात्रि होती हैं। चैत्र और अश्विन मास की नवरात्रि उदय नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। 
 
आषाढ़ और माघ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। यह गुप्त नवरात्रि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और आसपास के इलाकों में खास तौर पर मनाई जाती है।

मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान अन्य नवरात्रि की तरह ही पूजन करने का विधान है। इन दिनों भी 9 दिन के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा से नवमीं तक प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। इन नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन होता है। ये नवरात्रि तंत्र साधना के लिए बहुत अधिक महत्व की मानी गई हैं।
 
आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि पर देवी पूजन की खास तिथियां- 
 
नवरात्रि प्रथमा तिथि- 22 जून 2020, सोमवार
 
नवरात्रि द्वितीया तिथि- 23 जून 2020, मंगलवार
 
नवरात्रि तृतीया तिथि- 24 जून 2020, बुधवार
 
नवरात्रि चतुर्थी तिथि- 25 जून 2020, गुरुवार
 
नवरात्रि पंचमी तिथि- 26 जून 2020, शुक्रवार
 
नवरात्रि षष्ठी तिथि- 26 जून 2020, शुक्रवार
 
नवरात्रि सप्तमी तिथि- 27 जून 2020, शनिवार
 
नवरात्रि अष्टमी तिथि- 28 जून 2020, रविवार
 
नवरात्रि नवमी तिथि- 29 जून 2020 सोमवार को रहेगी। 
 
क्या है गुप्त नवरात्रि - गुप्त नवरात्रि किसी खास मनोकामना की पूजा के लिए तंत्र साधना का मार्ग लेने का पर्व है। किंतु अन्य नवरात्रि की तरह ही इसमें भी व्रत-पूजा, पाठ, उपवास किया जाता है। इस दौरान साधक देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के अनेक उपाय करते हैं। इसमें दुर्गा सप्तशती पाठ, दुर्गा चालीसा, दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ काफी लाभदायी माना गया है। यह नवरात्रि धन, संतान सुख के साथ-साथ शत्रु से मुक्ति दिलाने में भी कारगर है। 
 
गुप्त नवरात्रि की देवियां- मां काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्न माता, त्रिपुर भैरवी मां, धुमावती माता, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी इन 10 देवियों का पूजन करते हैं।
 
गुप्त नवरात्रि का महत्व- देवी भागवत पुराण के अनुसार जिस तरह वर्ष में 4 बार नवरात्रि आती है और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा होती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेष कर तांत्रिक कियाएं, शक्ति साधनाएं, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है।

इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। अष्टमी या नवमी के कन्या-पूजन के साथ नवरात्रि व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

ALSO READ: मां अंबे की यह नवरात्रि भी है बहुत खास, जानिए इसका राज

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या गया जी श्राद्ध से होती है मोक्ष की प्राप्ति !

Budh asta 2024: बुध अस्त, इन राशियों के जातकों के लिए आने वाली है मुसीबत, कर लें ये उपाय

Weekly Horoscope: इस हफ्ते किसे मिलेगा भाग्य का साथ, जानें साप्ताहिक राशिफल (मेष से मीन राशि तक)

श्राद्ध पक्ष कब से प्रारंभ हो रहे हैं और कब है सर्वपितृ अमावस्या?

Shani gochar 2025: शनि के कुंभ राशि से निकलते ही इन 4 राशियों को परेशानियों से मिलेगा छुटकारा

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा 19 सितंबर का दिन, पढ़ें अपना राशिफल

19 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

19 सितंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

गुजरात के 10 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाना न भूलें

अगला लेख
More