भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को डोल ग्यारस उत्सव मनाया जाता है। शनिवार, 2 सितंबर 2017 को डोल ग्यारस मनाई जाएगी। पुराणोक्त मान्यताओं के अनुसार इस दिन (श्रीकृष्ण के जन्म के 18 दिन बाद) यशोदाजी का जलवा पूजन किया था। उनके संपूर्ण कपड़ों का प्रक्षालन किया था। उसी परंपरा के अनुसरण में डोल ग्यारस का त्योहार मनाया जाता है।
इस एकादशी को 'जल झूलनी एकादशी' भी कहते हैं। इस एकादशी में चन्द्रमा अपनी 11 कलाओं में उदित होता है जिससे मन अतिचंचल होता है अत: इसे वश में करने के लिए इस पद्मा एकादशी का व्रत रखा जाता है।
किंवदंती है कि इस दिन विष्णु भगवान शयन करते हुए करवट बदलते हैं अत: इस एकादशी को 'परिवर्तनी एकादशी' भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु हर चातुर्मास को अपना बली को दिया हुआ वचन निभाने के लिए पाताल में निवास करते हैं।