एकादशी पर भगवान विष्णु इन 17 तरह के फूल और पत्तों से होंगे प्रसन्न
कार्तिक माह भगवान विष्णु का महीना माना गया है। इस महीने में खासतौर पर विष्णु पूजन किया जाता है। कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी या हरि प्रबोधिनी एकादशी के दिन निम्न फूलों से श्रीहरि भगवान विष्णु का पूजन करने से मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
1. जो मनुष्य देवउठनी एकादशी पर बिल्व पत्र से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, वे मुक्ति को प्राप्त होते हैं।
2. देवउठनी एकादशी पर जो मनुष्य तुलसी से भगवान का पूजन करते हैं, उनके 10,000 जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
3. जो मनुष्य अगस्त्य के पुष्प से भगवान विष्णु का पूजन करते हैं, उनके आगे इंद्र भी हाथ जोड़ता है।
4. देवउठनी एकादशी पर तुलसी दर्शन करने, स्पर्श करने, कथा कहने, नमस्कार करने, स्तुति करने, तुलसी रोपण, जल से सींचने और प्रतिदिन पूजन-सेवा आदि करने से हजार करोड़ युगपर्यंत विष्णुलोक में निवास करते हैं।
5. जो मनुष्य तुलसी का पौधा लगाते हैं, उनके कुटुम्ब से उत्पन्न होने वाले प्रलयकाल तक विष्णुलोक में निवास करते हैं।
6. जो मनुष्य कार्तिक मास में तुलसी का रोपण करता है और रोपी गई तुलसी जितनी जड़ों का विस्तार करती है उतने ही हजार युगपर्यंत तुलसी रोपण करने वाले का वंश विस्तार होता है।
7. जिस किसी मनुष्य द्वारा रोपी गई तुलसी से जितनी शाखा, प्रशाखा, बीज और फल पृथ्वी में बढ़ते हैं, उसके उतने ही कुल जो बीत गए हैं और होंगे, वे 2,000 कल्प तक विष्णुलोक में निवास करते हैं।
8. जो मनुष्य कदम्ब के पुष्पों से श्रीहरि का पूजन करते हैं, वे कभी भी यमराज को नहीं देखते।
9. जो भक्त गुलाब के पुष्पों से भगवान विष्णु का पूजन करते हैं, उन्हें मुक्ति मिलती है।
10. जो मनुष्य सफेद या लाल कनेर के फूलों से भगवान का पूजन करते हैं, उन पर भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
11. जो मनुष्य भगवान विष्णु पर आम की मंजरी चढ़ाते हैं, वे करोड़ों गायों के दान का फल पाते हैं।
12. जो मनुष्य दूब के अंकुरों से भगवान की पूजा करते हैं, वे 100 गुना पूजा का फल ग्रहण करते हैं।
13. जो मनुष्य विष्णु भगवान को चंपा के फूलों से पूजते हैं, वे फिर संसार में नहीं आते। उन्हें परम मुक्ति मिल जाती है।
14. पीले रक्त वर्ण के कमल पुष्पों से भगवान का पूजन करने वाले को विष्णु लोक में स्थान मिलता है।
15. जो भक्त विष्णुजी को केतकी के पुष्प चढ़ाते हैं, उनके करोड़ों जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं।
16. जो मनुष्य शमी के पत्र से भगवान की पूजा करते हैं, उनको यमराज के मार्ग का भय नहीं रहता।
17. जो मनुष्य - बकुल और अशोक के फूलों से भगवान विष्णु का पूजन करते हैं, वे सूर्य-चंद्रमा रहने तक किसी प्रकार का शोक नहीं पाते।