Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

दशामाता व्रत-पूजन कैसे करें, जानिए 11 काम की बातें...

हमें फॉलो करें दशामाता व्रत-पूजन कैसे करें, जानिए 11 काम की बातें...
* इस सरल विधि से करें दशामाता का व्रत
 
हिन्दू धर्म में दशामाता की पूजा तथा व्रत करने का विधान है। माना जाता है कि जब मनुष्य की दशा ठीक होती है तब उसके सभी कार्य अनुकूल होते हैं किंतु जब यह प्रतिकूल होती है, तब मनुष्य को बहुत परेशानी होती है। इन्हीं परेशानियों से निजात पाने के लिए इस व्रत को करने की मान्यता है। 
 

 
चैत्र महीने की दशमी पर महिलाएं दशामाता का व्रत करती हैं। यह व्रत खासतौर पर घर की दशा ठीक होने के लिए किया जाता है।

दशामाता के कोप से बचाएगी यह पौराणिक कथा


इस दिन महिलाएं कच्चे सूत का डोरा लाकर डोरे की कहानी कहती है तथा पीपल की पूजन कर 10 बार पीपल की परिक्रमा कर उस पर सूत लपेटती हैं तथा डोरे में 10 गठान लगाकर गले में बांधकर रखती हैं।

नल-दमयंती की अनोखी प्रेम कहानी
 
इसलिए जो भक्त चैत्र कृष्ण दशमी तिथि को दशामाता का व्रत एवं पूजन करते हैं, उनकी दरिद्रता घर से दूर चली जाती है।
 
आगे पढ़ें कैसे करें यह व्रत... 

 

कैसे करें दशामाता का व्रत... 

webdunia

 
1. यह व्रत चैत्र (चैत) माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। 
 
2. सुहागिन महिलाएं यह व्रत अपने घर की दशा सुधारने के लिए करती हैं। 
 
3. इस दिन कच्चे सूत का 10 तार का डोरा, जिसमें 10 गठानें लगाते हैं, लेकर पीपल की पूजा करती हैं। 
 
4. इस डोरे की पूजन करने के बाद पूजनस्थल पर नल-दमयंती की कथा सुनती हैं। 
 
5. इसके बाद डोरे को गले में बांधती हैं। 
 
6. पूजन के पश्चात महिलाएं अपने घरों पर हल्दी एवं कुमकुम के छापे लगाती हैं। 
 
7. एक ही प्रकार का अन्न एक समय खाती हैं। 
 
8. भोजन में नमक नहीं होना चाहिए। 
 
9. विशेष रूप से अन्न में गेहूं का ही उपयोग करते हैं। 
 
10. घर की साफ-सफाई करके घरेलू जरूरत के सामान के साथ-साथ झाडू इत्यादि भी खरीदेंगी।
 
11. यह व्रत जीवनभर किया जाता है और इसका उद्यापन नहीं होता है।

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इन 12 लोगों ने अपना शहर छोड़ा और बदल दी दुनिया