छठ पूजा का पौराणिक इतिहास कहता है कि एक बार जब पांडव जुए में अपना सारा राज-पाट हार गए। तब पांडवों को देखकर द्रौपदी ने छठ का व्रत किया था। इस व्रत के बाद दौपद्री की सभी मनोकामनाएं पूरी हुई थीं। तभी से इस व्रत को करने की प्रथा चली आ रही है।
परंपरा के अनुसार छठ पर्व के व्रत को स्त्री और पुरुष समान रूप से रख सकते हैं। छठ पूजा की परंपरा और उसके महत्व का प्रतिपादन करने वाली पौराणिक और लोककथाओं के अनुसार यह पर्व सर्वाधिक शुद्धता और पवित्रता का पर्व है।
एक मान्यता के अनुसार लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी यानी छठ के दिन भगवान राम और माता सीता ने व्रत किया था और सूर्यदेव की आराधना की थी। सप्तमी को सूर्योदय के समय फिर से अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था।
छठ पूजा 2017: मुहूर्त समय
छठ पूजा के दिन कब होगा सूर्यादय - 06:41 प्रात:
छठ पूजा के दिन कब होगा सूर्यास्त- 18:05 सांय
ये है छठ पूजा की मुहूर्त दिनांक
षष्ठी तिथि प्रारंभ- 25 अक्टूबर 2017 को सुबह 09:37,
षष्ठी तिथि समाप्ति- 26 अक्टूबर 2017 को शाम 12:15 बजे पर