आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

WD Feature Desk
गुरुवार, 7 नवंबर 2024 (16:53 IST)
Amla navami 2024 Date and Time : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर आंवला नवमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इसे अक्षय नवमी, धात्री नवमी और कूष्मांड नवमी भी कहते हैं। अक्षय नवमी का दिन भी अक्षय तृतीया के सामान ही अत्यन्त महत्वपूर्ण है। अक्षय तृतीया त्रेता युगादी है एवं अक्षय नवमी सत्य युगादी है। इस शुभ अवसर पर मथुरा-वृन्दावन की परिक्रमा का महत्व है और आँवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। यही त्योहार पश्चिम बंगाल में जगद्धात्री पूजा के रूप में मनाते हैं। इस बार यह पर्व 10 नवंबर 2024 रविवार के दिन रहेगा।

आंवला नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 2024:
नवमी तिथि प्रारम्भ: 09 नवम्बर 2024 को रात्रि 10:45 बजे से। 
नवमी तिथि समाप्त: 10 नवम्बर 2024 को रात्रि 09:01 बजे तक।
अक्षय नवमी पूर्वाह्न पूजा समय- प्रात: 06:40 से दोपहर 12:05 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:43 से 12:27 तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:30 से 05:56 तक।
रविवार योग: सुबह 10:59 से अगले दिन सुबह 06:41 तक।
चौघड़िया: सुबह 09:22 से दोपहर 12:05 तक शुभ और अमृत।
 
आंवला नवमी का महत्व क्या है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार आंवला नवमी के दिन ही द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। इसी दिन से वृंदावन की परिक्रमा का प्रारंभ भी होता है। मान्यता हैं कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय फल देता है अर्थात् उसके शुभ फल में कभी कमी नहीं आती। इस दिन आंवले के वृक्ष में भगवान श्रीहरि विष्णु तथा भगवान शिव जी का वास होता है। इसलिए इस दिन प्रातः उठकर आंवले के वृक्ष के नीचे साफ-सफाई करके कच्चे दूध, फूल एवं धूप-दीप से आंवले के वृक्ष की पूजा करते हैं। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे ब्राह्मण भोज के पश्चात पूर्व दिशा की ओर मुंह करके स्वयं भोजन करने तथा प्रसाद के रूप में भी आंवला खाने की मान्यता है। इस संबंध में यह भी मान्यता हैं कि यदि भोजन करते समय थाली में आंवले का पत्ता आ गिरे तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। यह भी माना जाता है कि आने वाले साल में व्यक्ति की सेहत बहुत अच्छी रहेगी। 
 
आंवला नवमी की पूजा विधि:

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