इस वर्ष 8 नवंबर 2020, रविवार को अहोई अष्टमी का शुभ पर्व मनाया जा रहा है। यह व्रत संतान के अच्छे जीवन, सुरक्षा, लंबी उम्र और आरोग्य के लिए किया जाता है। इस दिन अहोई माता का पूजन-अर्चन किया जाता है। आइए जानें 10 जरूरी बातें....
1. भगवान गणेश प्रथम पूजनीय है। अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता से पहले गणेश जी की पूजा करना ना भूलें।
2. अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रहें। ऐसा करने से संतान को लम्बी आयु का वरदान मिलता है और उसे समृद्धि प्राप्त होती है।
3. अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देते हैं। तारों के निकलने के बाद ही अपने उपवास खोलें, तभी पानी या भोजन ग्रहण करें।
4. अहोई अष्टमी के दिन अपने सास-ससुर के लिए बयाना जरूर निकालें। अगर आपके सास-ससुर ना हों तो अपना बायना किसी पंडित या किसी बुजुर्ग को दें।
5. अहोई अष्टमी के दिन व्रत कथा सुनते समय 7 तरह के अनाज अपने हाथ में रखें। पूजा के बाद इस अनाज को किसी गाय को खिला दें।
6. अहोई अष्टमी के दिन पूजा करते समय अपने बच्चों को अपने पास बिठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वो प्रसाद अपने बच्चों को खिलाएं।
7. अहोई अष्टमी के दिन पूजन के बाद किसी ब्राह्मण या गाय को खाना जरूर खिलाएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
8. अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी को बिल्कुल भी हाथ न लगाएं और न ही इस दिन खुरपी से कोई पौधा भी उखाड़ें।
9. अहोई अष्टमी के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को दान अवश्य दें। शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्रत के बाद देने दक्षिणा देने से उस व्रत के पूर्ण फल प्राप्त होते हैं।
10. खानदान की हर संतान का नाम अहोई माता के चित्र के साथ लिखें। अगर याद हो तो वंशावली का पेड़ बनाएं।