भीष्म अष्टमी पर्व 2019 : पढ़ें भीष्म पितामह के जीवन की कहानी

Webdunia
माघ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रतिवर्ष भीष्म अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भीष्म पितामह ने अपने शरीर को छोडा़ था, इसीलिए यह दिन उनका निर्वाण दिवस है। आइए जानें पौराणिक व्रत कथा... 
 
पौराणिक कथा के अनुसार- भीष्म पितामह का असली नाम देवव्रत था। वे हस्तिनापुर के राजा शांतनु की पटरानी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे। एक समय की बात है। राजा शांतनु शिकार खेलते-खेलते गंगा तट के पार चले गए। वहां से लौटते वक्त उनकी भेंट हरिदास केवट की पुत्री मत्स्यगंधा (सत्यवती) से हुई। मत्स्यगंधा बहुत ही रूपवान थी। उसे देखकर शांतनु उसके लावण्य पर मोहित हो गए।
 
राजा शांतनु हरिदास के पास जाकर उसका हाथ मांगते है, परंतु वह राजा के प्रस्ताव को ठुकरा देता है और कहता है कि- महाराज! आपका ज्येष्ठ पुत्र देवव्रत है। जो आपके राज्य का उत्तराधिकारी है, यदि आप मेरी कन्या के पुत्र को राज्य का उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा करें तो मैं मत्स्यगंधा का हाथ आपके हाथ में देने को तैयार हूं। परंतु राजा शांतनु इस बात को मानने से इन्कार कर देते है। 
 
ऐसे ही कुछ समय बीत जाता है, लेकिन वे मत्स्यगंधा को न भूला सके और दिन-रात उसकी याद में व्याकुल रहने लगे। यह सब देख एक दिन देवव्रत ने अपने पिता से उनकी व्याकुलता का कारण पूछा। सारा वृतांत जानने पर देवव्रत स्वयं केवट हरिदास के पास गए और उनकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए गंगा जल हाथ में लेकर शपथ ली कि 'मैं आजीवन अविवाहित ही रहूंगा'।
 
देवव्रत की इसी कठिन प्रतिज्ञा के कारण उनका नाम भीष्म पितामह पडा़। तब राजा शांतनु ने प्रसन्न होकर अपने पुत्र को इच्छित मृत्यु का वरदान दिया। महाभारत के युद्ध की समाप्ति पर जब सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण हुए तब भीष्म पितामह ने अपना शरीर त्याग दिया। इसलिए माघ शुक्ल अष्टमी को उनका निर्वाण दिवस मनाया जाता है।
 
माना जाता है कि इस दिन भीष्म पितामह की स्मृति के निमित्त जो श्रद्धालु कुश, तिल, जल के साथ श्राद्ध तर्पण करता है, उसे संतान तथा मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है और पाप नष्ट हो जाते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Chanakya Niti : चाणक्य नीति के अनुसार धरती पर नर्क भोगता है ऐसा आदमी

Shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष में कब किस समय करना चाहिए पितृ पूजा और तर्पण, कितने ब्राह्मणों को कराएं भोजन?

Tulsi Basil : यदि घर में उग जाए तुलसी का पौधा अपने आप तो जानिए क्या होगा शुभ

Shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष आ रहा है, जानिए कुंडली में पितृदोष की पहचान करके कैसे करें इसका उपाय

Shani gochar 2025: शनि के कुंभ राशि से निकलते ही इन 4 राशियों को परेशानियों से मिलेगा छुटकारा

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 17 सितंबर का दैनिक राशिफल, जानिए सभी राशियों का हाल

Surya gochar in kanya: सूर्य के कन्या राशि में जाने से क्या होगा 12 राशियों का हाल, जानिए राशिफल

17 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

17 सितंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी पर क्यों और कैसे करते हैं भगवान अनंत की पूजा, जानिए अचूक उपाय

अगला लेख
More