सुशील कुमार को रजत, सोना जापान की झोली में

फाइनल में स्वर्ण नहीं जीत सके सुशील कुमार

Webdunia
रविवार, 12 अगस्त 2012 (22:22 IST)
PTI
लंद न ओलिंपि क मे ं भार त क े सुशी ल कुमा र आ ज 66 किलोग्रा म भा र वर् ग मे ं जापान ी पहलवा न जापान के तात्सुहिरो योनेमित्सु स े 4-1 स े मुकाबल ा हा र ग ए औ र इ स तर ह उन्हे ं रज त पद क स े ह ी संतो ष करन ा पड़ा। लंद न ओलिंपि क मे ं भार त न े 2 रज त औ र 4 कांस् य पद क जीत े हैं।

66 किलोग्रा म भा र वर् ग के पहले राउंड में सुशील कुमार 01 स े पीछे थ े
दूसरे राउंड में सुशील कुमार 1--3 से पीछे र ह गए और यहीं से उनके सोने का तमगा फिसल ा
लगाता र द ो राउं ड जीतन े प र तात्सुहिरो योनेमित्सु क ो स्वर् ण पद क मि ल गया

फाइनल मुकाबले में सुशील पहले दौर में अंक गंवा बैठे और 0-1 से पिछड़ गए। दूसरे दौर में भी सुशील लय में नहीं दिखे और 30 सेकंड के अंदर ही जापानी पहलवान योनेमित्सु ने उनके डिफेंस को भेदते हुए सुशील को ऊपर उठा लिया और तीन अंक की निर्णायक बढ़त बना ली। सुशील ने सेमीफाइनल में सनसनीखेज तरीके से वापसी की थी लेकिन वह खिताबी जंग में यह प्रदर्शन दोहरा नहीं पाए।

डिहाईड्रेशन का शिकार हो गए थे सुशील : जापानी पहलवान से 'गोल्डन बाउट' शुरू होने के पूर्व सुशील कुमार डिहाईड्रेशन का शिकार हो गए थे। भारतीय ओलिंपिक संघ के महासचिव राजसिंह ने बताया कि सेमीफाइनल के बाद ही सुशील की तबीयत खराब हो गई थी और फाइनल के पूर्व वह ‍पूरी तरह फिट नहीं थे। चूंकि डोपिंग में कहीं कोई गलत दवा न ले लें इसलिए घरेलू नुस्के अपनाए गए थे।

मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे शिष्य मिले : रजत पदक जीतने पर सुशील के गुरु महाबली सतपाल ने कहा ‍कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे सुशील और योगेश्वर जैसे शिष्य मिले, जिन्होंने ओलिंपिक में रजत और कांस्य पदक जीते। एक गुरु होने के नाते हमारा स्वार्थ सिर्फ पदक होता है। मेरे दोनों शिष्ट देश के हीरो हैं, देश के लाल हैं और पूरे भारत को उन पर गर्व है।

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सुशील की पत्नी सावी की प्रतिक्रिया : सुशील कुमार की पत्नी और सतपाल की बेटी सावी ने कहा कि मैं अपने पति का मनोबल बढ़ाने आई थी ताकि वे अपना मुकाबला जोश के साथ लड़ सकें। सावी ने कहा कि रजत पदक जीतना भी एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। सावी के अनुसार मुझे बाद में बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, यदि और देश का पहलवान होता तो मुकाबला नहीं लड़ता। हमारी शादी को अभी 2 साल भी नहीं पूरे हुए हैं। मुझे लंदन में यह देखकर अच्छा लगा कि यहां पर मेरे पति को सपोर्ट करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय पहुंचे।

प्रधानमंत्री की बधाई, इनामों की बारिश : सुशील कुमार द्वारा लंदन ओलिंपिक में रजत पदक जीतने पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बधाई दी है। हरियाणा सरकार ने सुशील को डेढ़ करोड़ और दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। खेल मंत्रालय सुशील को 30 लाख रुपए देगा।

सुशील कुमार को सफर : सुशील कुमार ने पूर्व क्वार्टर फाइनल में तुर्की के रमजान को 3-1 से, क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के इक्तियोर को 6-3 से और सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के पहलवान तानातोरोब को शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया था।

तात्सुहिरो का सफर : 26 साल के तात्सुहिरो ने 2009 में विश्व कुश्ती में कांस्य, 2009 में एशियन गेम्स में स्वर्ण, और 2011 में विश्व कुश्ती में रजत पदक जीता था। तात्सुहिरो ने लंदन ओलिंपिक के पूर्व क्वार्टर फाइनल में क्यूबा के लिवान को 2-1 से, क्वार्टर फाइनल में कनाडा के वीरन्स गार्सिया को 6-1 से, और सेमीफाइनल में अजरबेजान के हासनोव को 30 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।

सुशील कुमार का परिचय : 26 मई, 1983 को दिल्ली से सटे नजफगढ़ में जन्मे सुशील के दादा, पिता और बड़े भाई सभी पहलवानी करते थे, लिहाजा कुश्ती की कला उन्हें विरासत में मिली थी। जब सुशील सातवीं कक्षा में आए तभी से अखाड़े जाने लगे और कुश्ती के दांवपेंच सीखने लगे।

महाबली सतपाल, यशवीर और रामफल ने सुशील कुमार को कुश्ती के गुर सिखाए। सुशील कुमार को पहली अंतरराष्ट्रीय सफलता जूनियर स्तर पर 1998 में मैनचेस्टर में विश्व कैडेट खेलों में मिली, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। 1999 में भी सुशील ने विश्व कैडेट में शिरकत की और एक बार फिर अपना गला सोने के पदक से सजाया।

66 किलोग्राम भार वर्ग में जब सुशील बीजिंग ओलिंपिक में उतरे तब किसी ने नहीं सोचा था कि वे कांस्य पदक जीतेंगे। सुशील ने बीजिंग में अपने गले में कांसे का पदक पहना और यहीं से उनसे अपेक्षा की जाने लगी थी कि लंदन में सुशील अपने पदक का रंग बदलेंगे।

याद रहे कि 1952 के हेलिसिंकी ओलिंपिक खेलों में भारत के लिए पहला पदक (कांस्य) केडी जाधव ने जीता था। इसके बाद सुशील ऐसे पहले पहलवान बने, जिन्होंने कुश्ती में भारत को ओलिंपिक पदक जीता, यही नहीं, वे देश के ऐसे पहले ओलिंपियन भी बन गए हैं, जिन्होंने लगातार दो ओलिंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलिंपिक पदक की रक्षा की। सुशील ने अपने पदक के रंग को बदला। पहले उन्होंने कांस्य जीता था और इस बार रजत पदक।

महाबली सतपाल की बेटी से शादी : सुशील कुमार ने बीजिंग ओलिंपिक का पदक जीतने के बाद अपने गुरु महाबली सतपाल की बेटी सावी से विवाह किया। सतपाल खुद चाहते थे कि सुशील को वे अपना दामाद बनाएं।

सुशील कुमार को सम्मान
सुशील कुमार को 2006 में अर्जुन पुरस्कार मिला और 2009 में उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान 'राजीव गांधी खेलरत्न' से सम्मानित किया गया।

सुशील कुमार की उपलब्धिया ं
2003 में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक
2003 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
2005 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वण पदक
2007 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
2008 में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक
2008 में बीजिंग ओलिंपिक खेलों में कांस्य पदक
2009 में जर्मन ग्रां प्री कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक
( वेबदुनिया न्यूज)

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