अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष जैक्स रोगे ने कहा कि उनका संगठन खेलों के प्रति समर्पित है और वह किसी संप्रभु राष्ट्र को अपनी नीतियों में बदलाव के लिए विवश नहीं कर सकता है।
रोगे ने कहा कि आईओसी कोई राजनीतिक संगठन नहीं है। आईओसी और ओलिम्पिक खेल संप्रभु राष्ट्रों को अपनी नीतियाँ बदलने के लिए विवश नहीं कर सकते हैं और न ही दुनिया को सभी मुसीबतों से छुटकारा दिला सकते हैं, लेकिन हम खेलों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने में अपना योगदान दे सकते हैं और देते हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई महीनों से दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों ने आईओसी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उनका आरोप है कि चीन को अपना मानवाधिकार रिकॉर्ड सुधारने, मीडिया को अधिक आजादी देने तथा दारफुर और तिब्बत के बारे में अपनी नीतियों में बदलाव लाने के लिए आईओसी ने उस पर कोई दबाव नहीं बनाया।
ओलिम्पिक खेलों की मेजबानी चीन को मिलने के बाद आयोजकों ने देश में मानवाधिकार रिकॉर्ड सुधारने और मीडिया को अधिक आजादी देने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में रत्तीभर भी काम नहीं हुआ।
रोगे ने कहा कि बीजिंग ओलिम्पिक खेलों की वजह से चीन और दुनिया को एक दूसरे को नजदीक से जानने का मौका मिला। हमने साथ मिलकर इन खेलों के रोमांच और उत्साह को महसूस किया।
आईओसी अध्यक्ष ने कहा कि हमारा संगठन पूरी तरह खेल को समर्पित है, लेकिन इन खेलों का एक उद्देश्य है। खेलों के माध्यम से मानवता की सेवा करना और भिन्न समाजों, राष्ट्रों और धर्मों के बीच ओलिम्पिक मूल्यों के बारे में बेहतर समझ कायम करना हमारा मुख्य मिशन है।