Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ओलिम्पिक मैराथन दौड़ के रोचक तथ्य

हमें फॉलो करें ओलिम्पिक मैराथन दौड़ के रोचक तथ्य
आधुनिक ओलिम्पिक खेलों की शुरुआत से ही मैराथन दौड़ का मुकाबला ओलिम्पिक में शामिल रहा है तथा इस स्पर्धा के विजेता को हर बार एक अलग किस्म का सम्मान मिलता रहा है। आधुनिक ओलिम्पिक की पहली मैराथन दौड़ जीतने का सौभाग्य ग्रीस के एथलीट एजाईन लुईस को मिला था, जिन्होंने यह दौड़ 2 घंटे 58 सेकंड में जीती थी।

निर्धारित मानक दूरी तय की गई : उनकी इस उपलब्धि पर उनका नाम ग्रीक शब्दकोश तक में एजाईन लुईस के रूप में दर्ज किया गया था, जिसका रूपांतर बताया गया 'लुईस बनो'। वर्तमान में पुरुषों के लिए मैराथन दौड़ की निर्धारित मानक दूरी 42.195 किलोमीटर (26 मील 385 जग) तय की गई है, जबकि पूर्व में ऐसा नहीं था। 1896 के एंथेस ओलिम्पिक में शुरुआत में इसकी मानक दूरी 40 किलोमीटर रखी गई थी, जिसे 1920 में एंटवर्प में बढ़ाकर 42.75 किलोमीटर कर दिया गया।

मानक दूरी का रोचक प्रसंग : मैराथन की वर्तमान मानक दूरी (42.195 किलोमीटर) का भी अपना एक अलग रोचक प्रसंग है। 1908 के लंदन ओलिम्पिक के दौरान मैराथन दौड़ की शुरुआत लंदन शाही महल विंडसर कैसल से शुरु की जानी थी, जिसे देखने के लिए किंग एडवर्ड व क्वीन एलेक्जेंडा अपने पोते के साथ ओलिम्पिक में स्टेडियम में मौजूद थे।

ताकि राजपरिवार को सुविधा हो : मैराथन दौड़ की शुरुआत राज परिवार के लोग सुविधाजनक तरीके से देख सकें, इसके लिए मैराथन रेस की फिनिश लाइन रॉयल बॉक्स के ठीक मध्य के चिह्न से खींची गई थी। रॉयल बॉक्स को प्रतीक के रूप में दो अलग- अलग हिस्सों में बाँटती फिनिश लाइन पर महारानी द्वारा आपत्ति जताई गई।

आपत्ति पर तुरंत ही इस रेखा को 385 यार्ड के फासले पर पीछे खिसकाया गया, जिससे इस दौड़ की दूरी 26 मील 385 गज हो गई और तब से लेकर आज तक यथावत है। अधिकृत रूप से इस बढ़ी हुई दूरी को 1924 के पेरिस ओलिम्पिक खेलों में मान्यता प्रदान की गई।

1984 में महिला मैराथन दौड़ सर्वप्रथम : महिला मैराथन दौड़ सर्वप्रथम 1984 में लॉस एंजिल्स ओलिम्पिक से शुरु हुई। इससे पहले महिला मैराथन मुकाबले में सिर्फ दो महिला खिलाड़ी शामिल हुई थी, जिनमें से एक ऑस्ट्रेलिया की ही लीजा ओनडिका थी। लीजा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1988 सिओल ओलिम्पिक में रहा था, जिसमें उन्हें रजत पदक हासिल हुआ था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi