वाशिंगटन। सी-स्पान के लोकप्रिय 'वाशिंगटन जर्नल' को संबोधित करते हुए रिपब्लिकन प्रमिला जयपाल को एक नाराज तथाकथित रिपब्लिकन समर्थक 'जॉन' के कोप का सामना करना पड़ा। उसने अस्थायी शरणार्थियों को लेकर अपनी भड़ास निकाली। साथ ही, उसने अमेरिका के कथित ड्रीमर्स का भी पक्ष लिया।
'जान' इस बात को लेकर बेहद नाराज था कि युवा गैर पंजीकृत प्रवासियों और चाइल्ड हुड अराइल प्रोग्राम में देरी को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है। अमेरिका में अनडॉक्यूमेंटेड प्रवासियों को यहां बच्चों के तौर पर अनुमति देने और अमेरिका में काम करने देने के खिलाफ था।
जॉन का कहना था कि इन लोगों को लाभ के तौर पर प्रतिवर्ष 530 अरब डॉलर मिलते हैं। इन लोगों ने मेरे बेटे और पोतों के काम छीन लिए हैं और उन्हें कारोबार से बाहर कर दिया है।
ड्रीमर्स के बारे में उसका कहना था कि ' इन लोगों को इनके देश वापस भेज दिया जाना चाहिए। ठीक उसी प्रकार से जिस तरह से उनके पालकों को वापस भेजा गया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये लोग इस देश में क्या कर रहे हैं।
जयपाल ने स्थिति को धैर्य और सद्भावना से संभाला और कहा कि ' ऐसा लगता है कि आप बहुत अधिक आर्थिक तकलीफ में हैं।' इतना ही नहीं उन्होंने उसके तर्कों का जवाब दिया और कहा कि जिन्हें आप अनडॉक्यूमेंटेड कहते हैं वे देश के अनुचित कारोबारी कार्यप्रणालियों का शिकार हुए हैं। साथ ही, यह कहना गलत है कि उन्हें भारी भरकम सरकारी राशि के लाभ मिलते हैं क्योंकि वे इसके पात्र ही नहीं हैं।