वॉशिंगटन। एच-1बी वीजा कार्यक्रम में बड़े बदलाव लाने संबंधी विधेयक को 2 सांसदों ने अमेरिकी कांग्रेस में फिर पेश किया है। एच-1बी वीजा के जरिए भारत और अन्य देशों के कुशल पेशेवर अमेरिकी में उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों में नौकरी करते हैं। इन सांसदों का कहना है कि इससे कार्य वीजा के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।
रिपब्लिकन डैरेल इसा तथा स्कॉट पीटर्स ने बुधवार को ‘प्रोटेक्ट एंड ग्रो अमेरिकन जॉब्स एक्ट’ विधेयक दोबारा पेश किया है। इसमें एच-1बी वीजा के लिए पात्रता की महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव है।
इस विधेयक में एच-1बी वीजा का न्यूनतम वेतन 1,00,000 डॉलर सालाना तथा मास्टर डिग्री की छूट को समाप्त करने का प्रस्ताव है।
इन सांसदों का कहना है कि इस विधेयक से एच-1बी वीजा का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि नौकरियां दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को उपलब्ध हों।
कई कंपनियों मसलन डिज्नी, सोकाल एडिसन तथा अन्य पर एच-1बी वीजा कार्यक्रम के दुरुपयोग तथा अमेरिकी पेशेवरों के स्थान पर विदेशियों की नियुक्तियों का आरोप लग रहा है जिसके बाद यह विधेयक पेश किया गया है। (भाषा)