- नरेन्द्र शर्मा
सत रंग चूनर नव रंग पाग
मधुर मिलन त्योहार गगन में
मेघ सजल बिजली में आग...
सत रंग चूनर नव रंग पाग।
पावस ऋतु नारी, नर सावन
रस रिमझिम संगीत सुहावन
सारस के जोड़े सरवर में
सुनते रहते बादल राग…
सत रंग चूनर नव रंग पाग।
उपवन-उपवन कांत कामिनी
गगन गुंजाए मेघ दामिनी
पत्ते-पत्ते पर हरियाली,
फूल-फूल पर प्रेम पराग…
सत रंग चूनर नव रंग पाग।
पवन चलाए बाण बूंद के
सहती धरती आंख मूंद के
बेलों से अठखेली करते
मोर मुकुट पहने बन बाग....
सत रंग चूनर नव रंग पाग।
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