नार्वे में मंडेला और गोपालदास नीरज जी याद किए गए

Webdunia
ओस्लो, नार्वे में नेलसन मंडेला की जन्मशती पर और गोपालदास नीरज जी की मृत्यु पर याद किए गए और श्रद्धांजलि दी गई। दायकमान्स्के पुस्तकालय तोइयेन और वाइतवेत सेन्टर में लेखकों ने नीरज और मंडेला को याद किया और उनके संस्मरण साझा किए। 
 
भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने दोनों महान आत्माओं पर अपने संस्मरण सुनाए जिनसे वह स्वयं मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि नीरज की गीतों की पुस्तकों को नार्वे के पुस्तकालय में होना चाहिए। 
 
इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, माया भारती, सत्यरूपा, राज कुमार, फैसल नवाज चौधरी ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर भारत से आए डॉ. पी. द्विवेदी जी ने नीरज को सर्वश्रेष्ठ गीतकार बताया और फ़िल्मी गीतों का जिक्र किया।
 
भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वावधान में लेखक गोष्ठी का आयोजन हुआ । 
कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे, ए भाई ज़रा देखकर चलो आदि गीत हमेशा याद किए जाएंगे। वह मानवतावादी रचनाकार थे। 
  
- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रात में Wi Fi राउटर बंद करने से क्या होता है? क्या हेल्थ पर पड़ता है कोई असर?

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

क्या महिलाओं को भी होता है स्वप्नदोष, क्या कहते हैं डॉक्टर्स?

1 मिनट से लेकर 1 घंटे तक चलने के हैरान कर देने वाले फायदे, जानिए हर मिनट के साथ आपके शरीर में क्या बदलता है?

ऑपरेशन सिंदूर की कर्नल सोफिया कुरैशी का रानी लक्ष्मीबाई से क्या है कनेक्शन

सभी देखें

नवीनतम

पार्टनर के लिए 20 बेहतरीन रोमांटिक गुड मॉर्निंग लव शायरी और कोट्स

भारत में कैसे आता है मॉनसून? समझिए बारिश का पूरा विज्ञान

ओवरथिंकिंग को कम कर सकते हैं ये फूड्स, जानें फायदे

हर आदमी को पता होनी चाहिए दिल के दौरे की ये शुरुआती निशानियां

बरखा की बूंदों में भीगी ये शायरी पढ़ कर दिल हो जाएगा तरोताजा

अगला लेख