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'मोदी लहर' ने भाजपा को दिलाया पूर्ण बहुमत

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नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव में सत्ता पर कब्जा जमाते हुए राजग को जहां 336 सीटें दिलवाईं, वहीं भाजपा को भी पहली बार अपने बूते पर पूर्ण बहुमत मिल गया जबकि कांग्रेस ने अभी तक का सबसे निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए महज 44 सीटों पर सफलता पाई।

मजबूत कांग्रेस विरोधी लहर पर सवार होते हुए गुजरात के 63 वर्षीय मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी को अप्रत्याशित सफलता दिलाकर भारत के विभिन्न कोनों में मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।

मोदी के शानदार नेतृत्व के चलते 543 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा को 282 सीटों पर सफलता मिली है, साथ ही भगवा दल 30 साल के लंबे अंतराल के बाद लोकसभा में अपने बूते पूर्ण बहुमत पाने वाला पहला दल बना है। 1984 में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को 417 सीटें मिली थीं।

जीत के बाद मोदी ने अपने भाषण में सभी को साथ लेकर चलने की प्रतिबद्धता जताई। उन्हें 16वें प्रधानमंत्री के रूप में अगले हफ्ते शपथ दिलाए जाने की संभावना है। राजग के कई सहयोगियों को उनके मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, हालांकि इसमें भाजपा के मंत्रियों का बोलबाला रहने की प्रबल संभावना है।

भाजपा की इस शानदार जीत में उसे हिन्दीभाषी क्षेत्रों- उप्र, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीटों पर मिली भारी सफलता का प्रमुख योगदान है।

इन राज्यों की 225 सीटों में से उसे 190 सीटें मिली हैं। इन राज्यों में न केवल कांग्रेस बल्कि सपा, बसपा, जदयू एवं राजद जैसे क्षेत्रीय दलों का बेहद निराशाजनक प्रदर्शन रहा।

भाजपा ने जहां मोदी के गृहराज्य गुजरात में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करते हुए सभी लोकसभा सीटें जीत लीं, वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक और असम जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में भी आकर्षक प्रदर्शन किया।

निवर्तमान लोकसभा में भाजपा के 116 सदस्य हैं और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का मत प्रतिशत 18.18 है जबकि कांग्रेस के 206 सदस्य और मतदान प्रतिशत 28.55 है। मौजूदा चुनाव में भाजपा को 31.4 मत प्रतिशत और कांग्रेस को 19.5 मत प्रतिशत मिले।

कांग्रेस ने निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए महज 44 सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पराजय की जिम्मेदारी स्वीकार की है।

'मोदी लहर' पर सवार होते हुए भाजपा ने पहली बार अपने बूते पर पूर्ण बहुमत हासिल किया। 1984 में पार्टी को महज 2 सीटें मिली थीं। अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता के चरम पर भी भाजपा को 1998 और 1999 में केवल 182 सीटें मिली थीं।

कांग्रेस तो अधिकतर राज्यों में दहाई अंक भी पार नहीं कर पाई, जबकि भाजपा ने मध्यप्रदेश (27), गुजरात (26), राजस्थान (25), दिल्ली (7), उत्तराखंड (5), हिमाचल प्रदेश (4) और गोवा (2) में सभी लोकसभा सीटें जीत लीं।

भाजपा ने उत्तरप्रदेश में 71 सीटें जीतीं। राज्य की अन्य सभी सीटें दो राजनीतिक परिवारों ने ही जीती हैं। अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और बीजद ही ऐसे क्षेत्रीय दल रहे जिन्होंने क्रमश: तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में भगवा दल की लहर को काफी हद तक रोक दिया। अन्नाद्रमुक ने 37, तृणमूल कांग्रेस ने 34 और बीजद ने 20 सीटें जीती हैं। (भाषा)

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