इन दलों पर जनता इस कदर नाराज थी कि बसपा, आरएलडी, द्रमुक और नेशनल कॉन्फ्रेंस का 16वीं लोकसभा में वजूद ही खत्म हो गया है।
चुनाव नतीजों में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला श्रीनगर से चुनाव हार गए हैं। पार्टी का कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया। 15वीं लोकसभा में पार्टी के तीन सांसद थे।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश से जातिगत राजनीति के सहारे राष्ट्रीय पटल पर छाई बसपा का सूपड़ा साफ हो गया है। वर्तमान लोकसभा में 21 सांसदों वाली बसपा नई लोकसभा में एक सांसद के लिए तरस गई।
पिछली सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली द्रमुक का भी इस बार सफाया हो गया। द्रमुक को ए. राजा और कनिमोझी जैसे भ्रष्टाचारियों को ढोना महंगा पड़ गया।