चैत्र नवरात्रि में हवन कैसे करें, जानिए 10 बातें

Webdunia
navratri havan
 
हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व (Chaitra Navratri 2022) का विशेष महत्व माना गया है। भारतभर में यह पर्व बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि का त्योहार उनके भक्तों के लिए सभी सपनों को पूरा करने तथा देवी दुर्गा की कृपा पाने का सबसे खास पर्व माना जाता है। इन नौ दिनों तक माता की पूजा-अर्चना के साथ-साथ यज्ञ, हवन, मंत्र जाप आदि करके आदिशक्ति दुर्गा माता को प्रसन्न किया जाता है। यहां जानें हवन की 10 खास बातें... 
 
हवन की सरल विधि-navratri havan vidhi
 
यूं तो नवरात्रि पर्व (navratri 2022) के दिनों में हवन किसी भी दिन एवं किसी भी समय संपन्न हो सकता है। लेकिन नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी और नवमी पर किए जाने वाले हवन से पहले कुंड का पंचभूत संस्कार करें। 
 
1. सर्वप्रथम कुश के अग्रभाग से वेदी को साफ करें।
 
2. कुंड का लेपन करें गोबर जल आदि से। 
 
3. तृतीय क्रिया में वेदी के मध्य बाएं से तीन रेखाएं दक्षिण से उत्तर की ओर पृथक-पृथक खड़ी खींचें।
 
4. चतुर्थ में तीनों रेखाओं से यथाक्रम अनामिका व अंगूठे से कुछ मिट्टी हवन कुण्ड से बाहर फेंकें। 
 
5. पंचम संस्कार में दाहिने हाथ से शुद्ध जल वेदी में छिड़कें। 
 
6. पंचभूत संस्कार से आगे की क्रिया में अग्नि प्रज्वलित करके अग्निदेव का पूजन करें। इन मंत्रों से शुद्ध घी की आहुति दें- 
ॐ प्रजापतये स्वाहा। इदं प्रजापतये न मम।
ॐ इन्द्राय स्वाहा। इदं इन्द्राय न मम।
ॐ अग्नये स्वाहा। इदं अग्नये न मम।
ॐ सोमाय स्वाहा। इदं सोमाय न मम।
ॐ भूः स्वाहा। इदं अग्नेय न मम।
ॐ भुवः स्वाहा। इदं वायवे न मम।
ॐ स्वः स्वाहा। इदं सूर्याय न मम।
ॐ ब्रह्मणे स्वाहा। इदं ब्रह्मणे न मम।
ॐ विष्णवे स्वाहा। इदं विष्णवे न मम।
ॐ श्रियै स्वाहा। इदं श्रियै न मम।
ॐ षोडश मातृभ्यो स्वाहा। इदं मातृभ्यः न मम॥

 
7. नवग्रह के नाम या मंत्र से आहुति दें। गणेशजी की आहुति दें। सप्तशती या नर्वाण मंत्र से जप करें। सप्तशती में प्रत्येक मंत्र के पश्चात स्वाहा का उच्चारण करके आहुति दें। 
 
8. प्रथम से अंत अध्याय के अंत में पुष्प, सुपारी, पान, कमल गट्टा, लौंग 2 नग, छोटी इलायची 2 नग, गूगल व शहद की आहुति दें तथा पांच बार घी की आहुति दें। यह सब अध्याय के अंत की सामान्य विधि है। 
 
9. तीसरे अध्याय में गर्ज-गर्ज क्षणं में शहद से आहुति दें। आठवें अध्याय में मुखेन काली इस श्लोक पर रक्त चंदन की आहुति दें। पूरे ग्यारहवें अध्याय की आहुति खीर से दें। इस अध्याय से सर्वाबाधा प्रशमनम्‌ में काली मिर्च से आहुति दें। 
 
10. नर्वाण मंत्र से 108 आहुति दें। मंत्र- 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे:' है। 
 
ॐ ब्रह्मामुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि: भूमि सुतो बुधश्च: 
गुरुश्च शुक्रे शनि राहु केतो सर्वे ग्रहा शांति कर: भवंतु। 
 
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।

navratri havan
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

बाबा वेंगा की साइलेंट किलर वाली भविष्यवाणी हुई सच! जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2025

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सभी देखें

धर्म संसार

मई 2025 में कब से लग रहा है पंचक, कब तक रहेगा जारी, जानें पूरी जानकारी

Aaj Ka Rashifal: आज का दिन क्या खास लाया है आपके लिए, पढ़ें 19 मई का दैनिक राशिफल

19 मई 2025 : आपका जन्मदिन

19 मई 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

May 2025 Weekly Horoscope: मई के नए हफ्ते का साप्ताहिक राशिफल, जानें किन राशियों का चमकेगा भाग्य

अगला लेख