Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(नवमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-गुरु तेग बहादुर दि., वक्री बुध
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

21 जनवरी को है शाकंभरी जयंती, हजार नेत्रों से नौ दिनों तक रोती रहीं थीं मां

हमें फॉलो करें 21 जनवरी को है शाकंभरी जयंती, हजार नेत्रों से नौ दिनों तक रोती रहीं थीं मां
मकर संक्रांति से माता शाकंभरी नवरात्र का पर्व आरंभ हो चुका है और 21 जनवरी को इसका समापन है। पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी से पौष पूर्णिमा तक मां शाकंभरी नवरात्रि पर्व मनाया गया।

पौष पूर्णिमा पर माता शाकंभरी की जयंती है। इस दिन पुष्य नक्षत्र, कुंभ स्नान और खग्रास चंद्रग्रहण है, अत: इस दिन का विशेष महत्व बढ़ गया है। शाकंभरी को वनस्पति की देवी माना जाता है। माता की सब्जियों से पूजा की जाती है। इन्हें मां अन्नपूर्णा माना जाता है। 
 
 पांडवों ने परिजन हत्या दोष मुक्ति के लिए मां की पूजा आराधना की थी। शाकंभरी मां के तीन शक्तिपीठ हैं। पहला सीकर, राजस्थान में है। यह सकराय माताजी विख्यात है। दूसरा राजस्थान के सांभर जिले के शाकंभर में स्थित है। तीसरा सहारनपुर उत्तरप्रदेश में है।

पुराणों के अनुसार दानवों के अत्याचार से भीषण अकाल से पीड़ित धरा को बचाने माता ने अवतार लिया। वे हजारों नेत्रों से इन नौ दिनों तक रोती रहीं। इससे हरियाली पुनः स्थापित हुई। इन्हें हरियाली की देवी भी कहा जाता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कुंभ में बेहद खास है पौष पूर्णिमा का यह स्नान, चंद्र ग्रहण से और भी बढ़ा महत्व